24 News Update खेरवाड़ा,चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य सुनीलसागर गुरुदेव की सुयोग्य शिष्या आर्यिका सुप्रज्ञ मति माताजी संसंघ के सानिध्य में सदर बाजार स्थित नेमीनाथ जिनालय में 48 दिन से चल रहा भक्तामर महामंडल विधान का आज भव्य समापन हुआ। चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष नरेन्द्र पंचोली ने बताया कि आज आचार्य आदि सागर जन्म जयंती महोत्सव मनाया गया। सुबह भगवान की शांतिधारा, अभिषेक के कार्यक्रम हुए पश्चात आदि सागर विधान मंडल का आयोजन हुआ जिसके सोधर्म इंद्र का लाभ वीरेन्द्र बखारिया परिवार को प्राप्त हुआ जिसमें पंडित कमलेश जैन के निर्देशन में विभिन्न अर्घ्य समर्पित किए गए। दोपहर बाद 48 दिन से चल रहे भक्तामर महामंडल विधान के समापन के तहत इंद्र परिवारों ने 48 मंडलीय विधान में श्रीफल एवं अर्घ्य चढ़ाकर विधान का भव्य समापन किया। भक्तामर महामंडल विधान में पूर्णाहुति के सोधर्म इंद्र का लाभ शांतिलाल पंचोली परिवार ने प्राप्त किया।
इससे पूर्व धर्म सभा को संबोधित करते हुए आर्यिका सुप्रज्ञ मति माताजी ने कहा कि आचार्य मानतुंग ने जेल में रहते हुए प्रभु भक्ति की कठोर आराधना के बल पर 48 तालों,जंजीरों को तोड़कर भक्तामर महाकाव्य की रचना की। इस अवसर पर समाज अध्यक्ष वीरेन्द्र बखारिया,मंत्री कुलदीप जैन,डॉक्टर रमण जैन,दिनेश जैन,रंजन जैन,शांतिलाल वखारिया,बसंत दोषी,मधु फ़डीया, ममता जैन ,वर्षा देवी,शारदा जैन सहित कई महिलाएं एवं समाजजन उपस्थित रहे।

