24 News Update उदयपुर। आज जिला कलेक्टर से भाजपा के पदाधिकारी, जन प्रतिनिधि मिले और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में संवाद का आयोजन किया गया। इसमें शहर की समस्याओं व मुद्दों पर चर्चा खुलकर हुई व समाधान के रास्ते सुझाए गए मगर आयड़ में आए पानी, उससे हुई बर्बादी, अचानक पानी आने के कारण, आयड़ का सीमांकन कहां तक हो, पुराने सीमांकन का क्या हुआ। बाढ़ के क्या कारण रहे? आयड़ के विकास या महाविनाश के कामों के कारण जो परेशानी हो रही है? आदि आदि पर पूरी बैठक में कोई भी चिंतन नहीं हुआ। कोई चर्चा तक नहीं। जबकि सात दिन नहीं हुए है शहर में आयड़ की वजह से हाहाकार मचे हुए। लोग अब तक हैरान परेशान हैं कि नदी ने हदें क्यों तोड़ दी। उस पर पूरे शहर में चर्चा है मगर प्रशासन और भाजपा मौन हैं। उनका मौन आखिर कब टूटेगा? कहीं ऐसा तो नहीं कि सब बोलना चाहते हैं मगर सब किसी से डर रहे हैं?
संवाद में भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़, कलक्टर नमित मेहता सहित प्रमुख विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों की मौजूदगी रही। सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक प्रमोद सामर, भाजपा जिला महामंत्री पारस सिंघवी और सभी 12 मंडलों के अध्यक्ष भी उपस्थित रहे। लगभग दो घंटे तक चले संवाद में अतिवृष्टी से क्षतिग्रस्त सड़कें, जल भराव, अतिक्रमण, सफाई व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, अघोषित विद्युत कटौती, सार्वजनिक सुविधाओं के विकास सहित आमजन से जुड़ी अन्य समस्याएं खुलकर अधिकारियों के सामने रखी गई। बस आयड़ पर ही बात नहीं हुई।
नप्रतिनिधियों की ओर से बारिश में क्षतिग्रस्त सड़कों का मुद्दा उठाया गया। इस पर जिला कलक्टर नमित मेहता ने यूडीए, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को 15 अक्टूबर से पहले शहर की क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करने के निर्देश दिए। आवारा कुत्तों के हमलों और मवेशियों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं का मुद्दा भी उठाया गया। कलक्टर ने नगर निगम आयुक्त को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अतिक्रमण हटाने और सफाई व्यवस्था में आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिए।
गजपाल सिंह राठौड़ ने जिले में अतिवृष्टी के दौरान जिला प्रशासन की सतर्कता और संवेदनशीलता की प्रशंसा की। आयड़ नदी में तेज बहाव में फंसे युवक के रेस्क्यू में विभागीय समन्वय की भी सराहना की। उन्होंने जिला प्रशासन का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासनिक संवेदनशीलता के ऐसे उदाहरण सभी को प्रेरित करते हैं। हालांकि यह भी मुद्दा उठाना था कि आखिर युवक को बचाने का में साढ़े सात घंटे का समय कैसे लग गया?? सेना को क्या तत्काल नहीं बुलाना चाहिए था अगर प्रशासन के बस की बात नहीं थी तो? महामंत्री पारस सिंघवी और देवीलाल सालवी ने आभार प्रकट किया। इस दौरान अति जिला कलक्टर प्रशासन दीपेंद्र सिंह राठौड़, नगर निगम आयुक्त अभिषेक खन्ना, यूडीए आयुक्त राहुल जैन सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर-जनप्रतिनिधियों और भाजपा पदाधिकारियों का संवाद, आयड़ की बर्बादी और नुकसान पर दोनों पक्षों ने साधी चुप्पी, 15 अक्टूबर तक सड़कें सुधारने का वादा

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