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विधायक के साथ फिर आयड़ पहुंचा प्रशासनिक अमला, अब तक नहीं हुआ सीमांकन

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लोकसभा चुनावों के चलते अतिक्रमण हटना लग रहा मुश्किल

उदयपुर। राजनीति और जिला प्रशासन की प्रयोगशाला बन चुकी आयड़ नदी के सीमांकन का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है। जबकि मजे की बात है कि पिछले सात साल में कई-कई बार नेता और अधिकारी अपने तेवर दिखाते हुए तत्काल सीमांकन करने और अतिक्रमणों को ध्वस्त करने की बात कह चुके हैं। वर्ष 2017 में राजस्थान अरबन इंफास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरयूआईडीपी) की ओर से आयड़ नदी के विकास के लिए 120 करोड़ रुपए के कार्यादेश हुए। इसमें आयड़ का चरणबद्ध विकास करना तय किया गया। नदी पेटे में गिर रहे 139 गंदे नालों को बंद करने का काम अभी चल रहा है। सभी नालों को एसटीपी से जोड़ा जा रहा है। दोनों किनारों पर पार्क एवं पाथ-वे बनाए जाएंगे और हर 400 मीटर पर हाई मास्ट लाइट लगेगी। योजना के तहत आयड़ नदी में लगातार काम हो रहे हैं मगर सीमांकन अब तक नहीं हो सका है। शहर विधायक ताराचंद जैन ने विधायक बनते ही सात दिन में सीमांकन के निर्देश दिए थे लेकिन नहीं हुए। उसके बाद फरवरी में एक महीने का समय दिया था, वह भी पूरे नहीं हुए। आज एक बार फिर उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैनएक्शन मोड में नजर आए और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आयड़ नदी का दौरा किया और नदी पेटे में हो रहे अवैध कब्जे को हटाने को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को जल्द मार्किंग कर नदी बेटे में बने मकानों को हटाने की भी बात कही। इस दौरान जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने कहा कि जल्दी ही नदी पेटे में आ रहा मकानों को मार्क किया जाएगा और उसके बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए सभी मकानों को नदी पेटे से हटा दिया जाएगा। इस दौरान जिला कलेक्टर और विधायक ताराचंद जैन ने लेक सिटी मॉल से सुभाष नगर तक हो रहे आयड़ सौंदर्य करण के कार्यों का दौरा किया। इस दौरान नगर निगम के आयुक्त राम प्रकाश, गिर्वा एसडीएम रिया डाबी सहित कई प्रशासनिक अधिकारी और नेता मौजूद रहे। इधर, जानकार बता रहे हैं कि जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने की बात तो कह रहा है लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते यह संभव होता दिखाई नहीं दे रहा है।
आठ खंडों में हो रहा है आयड़ नदी का कायाकल्प

  1. अहिंसापुरी श्मशान से शहीद भगत सिंह कच्ची बस्ती
  2. भगतसिंह कच्ची बस्ती से कृष्णा कॉलोनी जंक्शन तक
  3. कृष्णा कॉलोनी से गुमानिया वाळा जंक्शन
  4. गुमानिया जंक्शन से भूपालपुरा पुलिस चौकी तक
  5. पुलिस चौकी से सीपीएस स्कूल पुलिया तक
  6. सीपीएस पुलिया से लेकसिटी मॉल पुलिया तक
  7. मॉल से ठोकर पुलिया तक
  8. ठोकर पुलिया से ठोकर रेलवे पुलिया तक?
    अप्रेल तक काम पूरा होने की उम्मीद
    आयड़ नदी के कायाकल्प के लिए चल रहे काम को अब अप्रेल तक पूरा किया जाएगा। पहले डेडलाइन मार्च थी। आयड़ नदी को अभी शहर के पांच किलो मीटर के हिस्से में संवारा जा रहा है। नदी के किनारों को साबरमती रिवर फ्रंट की तरह से खूबसूरत बनाया जा रहा है तो हमेशा पानी का बहाव रखने के लिए बीच में एक नहर बनाई जा रही है। गर्मियों में भी यहां पर पानी बह सकेगा। इस पक्के निर्माण को लेकर भी झील प्रेमियों का विरोध है और हाईकोर्ट तक ने पक्का निर्माण नहीं करने की हिदायत दी है। कुछ लोगों का कहना है कि इसके बाद आयड़ नदी नहीं, एक नाला बनकर रहे जाएगी। इसके अलावा बारिश के दिनों में पिछली बार की तरह इस बार भी चोरों तरफ से पानी की जबर्दस्त आवक होने पर नदी के पेटे में करेड़ों का खर्च कर किए गए सौंदर्यीकरण के काम भी बहने का खतरा अभी बरकरार है। इसके लिए क्या डेमेज कंट्रोल प्लान है, यह अब तक प्रशासन ने नहीं बताया है।
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