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पुत्री पवित्र किये कुल दोऊ,एक बेटी दो कुलों का उद्धार करती है-पंडित योगेश्वर शास्त्री

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24 News Update निम्बाहेड़ा । श्रीमद् देवी भागवत सप्ताह के पांचवें दिन की कथा के दौ़रान पं.श्री योगेश्वर शास्त्री जी ने उक्त विचार व्यक्त करते हुए परिवार में कन्या के महत्व को प्रतिपादित किया। उन्होंने बताया कि जिस परिवार में प्रथम कन्या जन्म ले वह परिवार सौभाग्यशाली है। राजा दशरथ के यहां भी चारों पुत्रों से पहले शांता नाम की पुत्री हुई थी।
देवी भगवती की समय-समय आराधना करने और उनके विभिन्न रुपों के वर्णन के साथ ही पंडित श्री योगेश्वर शास्त्री ने बताया कि अष्टमी नवमी चतुर्दशी को माता की यथा शक्ति श्रद्धा भाव से पूजा तथा नवरात्रि में कन्या पूजन से माता प्रसन्न होती है। नवरात्रि में कन्या पूजन अपने आप में कन्या के महत्व को रेखांकित करता है। प्रसंगानुसार राजा दशरथ द्वारा पुत्रेष्टि यज्ञ, रामावतार,श्रीराम की संक्षिप्त कथा सहित श्रीकृष्ण जन्म कथा के अवसर पर श्रोतागण गदगद और भावविभोर होकर झूम उठे। कारागृह में श्रीकृष्ण जन्म के बाद वसुदेव द्वारा बालकृष्ण को पालने में लेकर यमुना पार करवाने के दृश्य की जीवन्त झांकी को श्याम पुरोहित द्वारा तैयार की जाकर प्रस्तुति पर उपस्थित भक्तगण नृत्य करने पर विवश हो गये। पंचम दिवस कथा विश्राम पश्चात् निंबाहेड़ा विधायक एवं पूर्व यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी, पूर्व विधायक अशोक नवलखा, जिला प्रमुख गब्बर सिंह अहीर, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व नगर अध्यक्ष नितिन चतुर्वेदी,भाजपा नगर अध्यक्ष कपिल चौधरी,देवकरण समदानी,पूर्व पार्षद मयंक अग्रवाल,मंडल अध्यक्ष अशोक जाट, मंडल अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह मिन्नाना,जगदीश चंद्र सुथार,बालचंद्र प्रजापत,प्रहलाद आगार, कैलाशचंद्र जलमियां,श्री रामचरित मानस मंडल संयोजक रमेशचंद्र सुथार,पूर्व पार्षद नीलू शर्मा,कैलाश शर्मा,राजू खंडारे,राधा देवी मराठा ने व्यासपीठ पर विराजित पंडित योगेश्वर शास्त्री जी का उपरना ओढ़ाकर अभिनन्दन किया। कथा आयोजन समिति के रमेशचंद्र प्रजापत के अनुसार कथा में नगर सहित आस पास के गांवों तथा अन्य स्थानों से भी लोग कथा श्रवण कर भक्तिरस से सरोबार हो रहे हैं।

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