24 न्यूज अपडेट. नेशनल डेस्क।
CBSE 10वीं की परीक्षा 2026 से साल में दो बार होगी—यह फैसला छात्रों को तनाव मुक्त करने और उन्हें बेहतर प्रदर्शन का मौका देने के लिए लिया गया है। आइए इस नए पैटर्न के प्रमुख बिंदुओं को विस्तार से समझते हैं:
1. कब से लागू होगा नया नियम?
यह बदलाव 2025-26 सत्र से प्रभावी होगा, यानी 2026 में पहली बार 10वीं की बोर्ड परीक्षा दो बार होगी।
2. परीक्षा की तारीखें क्या होंगी?
- पहली परीक्षा: 17 फरवरी से 6 मार्च 2026
- दूसरी परीक्षा: 5 मई से 20 मई 2026
3. क्या दोनों परीक्षाएं देना अनिवार्य होगा?
नहीं। छात्रों के पास तीन विकल्प होंगे:
- वे साल में सिर्फ एक बार परीक्षा दे सकते हैं।
- दोनों परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं।
- किसी विषय में यदि अच्छा प्रदर्शन न करें, तो उसे दूसरी परीक्षा में सुधार सकते हैं।
4. अगर दोनों परीक्षाएं दीं, तो रिजल्ट कैसे तय होगा?
जिस परीक्षा में छात्र का स्कोर बेहतर होगा, वही स्कोर फाइनल माना जाएगा। यदि दूसरी बार नंबर कम आते हैं, तो पहली परीक्षा के अंक ही मान्य होंगे।
5. क्या दोनों परीक्षाओं में अलग-अलग सिलेबस होगा?
नहीं। दोनों परीक्षाएं पूरे सिलेबस पर आधारित होंगी, और दोनों का फॉर्मेट भी एक जैसा रहेगा।
6. क्या सप्लीमेंट्री परीक्षा का प्रावधान रहेगा?
नहीं। अब 10वीं के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं होगी। छात्रों को साल में दो बार परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा, जिससे वे अपने स्कोर सुधार सकते हैं।
7. क्या परीक्षा केंद्र अलग-अलग होंगे?
नहीं। दोनों परीक्षाओं के लिए एक ही परीक्षा केंद्र निर्धारित किया जाएगा।
8. क्या दो बार परीक्षा देने पर रजिस्ट्रेशन अलग-अलग करना होगा?
नहीं। छात्रों को एक बार ही रजिस्ट्रेशन करना होगा, और अगर वे दोनों परीक्षाएं देना चाहते हैं, तो उन्हें पहले ही फीस जमा करनी होगी।
9. क्या प्रैक्टिकल परीक्षाएं भी दो बार होंगी?
नहीं। प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट केवल एक बार होंगे, जो कि पहले की तरह दिसंबर-जनवरी में आयोजित किए जाएंगे।
CBSE ने 9 मार्च तक मांगा फीडबैक
CBSE ने इस ड्राफ्ट पर स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन, पैरेंट्स एसोसिएशन, टीचर्स एसोसिएशन, पॉलिसी मेकर्स और NGOs से 9 मार्च तक फीडबैक मांगा है।
सरकार की सोच: JEE की तरह परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि JEE (इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम) की तरह स्टूडेंट्स को भी 10वीं की परीक्षा साल में दो बार देने का विकल्प मिलेगा, जिससे उनका तनाव कम होगा।
कैसे लिया गया यह फैसला?
- अगस्त 2024 में इसका ड्राफ्ट तैयार किया गया था।
- 19 फरवरी 2025 को शिक्षा मंत्रालय, CBSE, NCERT, KVS, NVS और अन्य स्कूल बोर्ड के अधिकारियों के साथ चर्चा हुई।
- इस बैठक के बाद सरकार ने साल में दो बार परीक्षा कराने के फैसले को मंजूरी दे दी।
इस बदलाव से छात्रों को क्या फायदा होगा?
✅ परीक्षा का तनाव कम होगा।
✅ कम स्कोर होने पर दूसरा मौका मिलेगा।
✅ पूरे साल पढ़ाई का संतुलन बना रहेगा।
✅ सप्लीमेंट्री परीक्षा का झंझट नहीं रहेगा।
CBSE का यह नया पैटर्न छात्रों को अधिक अवसर और मानसिक शांति प्रदान करेगा। अब यह देखना होगा कि इस पर आने वाले फीडबैक के बाद कोई और बदलाव होते हैं या नहीं।

