बीकानेर। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार दोपहर बीकानेर अदालत परिसर में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक लोक अभियोजक (पीपी) को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए नोट चबाने की भी कोशिश की, लेकिन एसीबी टीम ने तत्परता दिखाते हुए उससे नोट निकलवाकर पकड़ लिया।
क्या है मामला
एसीबी के अनुसार, एससी-एसटी कोर्ट में लोक अभियोजक (पीपी) के पद पर कार्यरत जगदीश प्रसाद ने एक परिवादी से किसी प्रकरण में मदद करने के एवज में 1,000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। परिवादी पहले ही आरोपी को 500 रुपए दे चुका था। शेष 500 रुपए देने के लिए जब दबाव बनाया गया, तो परिवादी ने इसकी शिकायत एसीबी को कर दी।
शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी टीम ने एडिशनल एसपी आशीष कुमार के निर्देशन में ट्रैप योजना बनाई। नोट चबाकर बचने की कोशिश
मंगलवार दोपहर अदालत परिसर में जैसे ही परिवादी ने आरोपी पीपी जगदीश प्रसाद को शेष 500 रुपए दिए, एसीबी टीम ने तुरंत दबिश दी। इस दौरान आरोपी ने खुद को बचाने के लिए रिश्वत का नोट मुंह में डालकर चबाने की कोशिश की, लेकिन टीम ने सतर्कता दिखाते हुए नोट बाहर निकलवा लिया और आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
अदालत परिसर में मचा हड़कंप
एसीबी की इस कार्रवाई के बाद अदालत परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। बड़ी संख्या में वकील और अन्य लोग मौके पर एकत्र हो गए। इस दौरान कई लोगों ने आरोपी की गिरफ्तारी का वीडियो भी बना लिया।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
एसीबी के सीआई इंद्र कुमार ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है और आगे की जांच जारी है।
न्यायिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार की बानगी
इस प्रकरण ने एक बार फिर अदालत परिसर और न्यायिक व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया है। लोक अभियोजक जैसे पद पर बैठा व्यक्ति जब रिश्वत लेने और गिरफ्तारी से बचने के लिए नोट चबाने जैसा दुस्साहस कर सकता है, तो व्यवस्था की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

