24 News update सीकर जिले में स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) की GD कॉन्स्टेबल परीक्षा में गंभीर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। फरवरी 2025 में हुई इस परीक्षा के दौरान एक अभ्यर्थी की जगह डमी कैंडिडेट को वॉशरूम में अदला-बदली कर परीक्षा में बैठा दिया गया। इस षड्यंत्र में परीक्षा आयोजन कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के कर्मचारी भी शामिल पाए गए हैं। पुलिस ने TCS के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मुख्य आरोपी, असली अभ्यर्थी और अन्य सहयोगी अभी फरार हैं।
सीसीटीवी से हुआ भंडाफोड़
धोद सीओ सुरेश शर्मा ने बताया कि यह फर्जीवाड़ा सीकर के SBS शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान में 7 फरवरी को आयोजित SSC-GD परीक्षा के दौरान हुआ। TCS के हब ऑपरेशन मैनेजर विक्रम सिंह की शिकायत पर जांच शुरू हुई। पर्यवेक्षक द्वारा सीसीटीवी फुटेज चेक करने पर इस फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा:
- MTAF स्टाफ बजरंगलाल ने डमी कैंडिडेट को सेंटर में प्रवेश दिलवाया।
- गार्ड द्वारा पूछताछ पर कोई वैध पहचान पत्र नहीं दिखा सका।
- VCO राकेश यादव ने पुष्टि के नाम पर उसे वॉशरूम जाने दिया।
- उसी दौरान असली कैंडिडेट सचिन मलिक भी वॉशरूम गया, जहां अंदर अदला-बदली हुई।
- डमी कैंडिडेट एडमिट कार्ड लेकर लैब में घुस गया और परीक्षा में बैठ गया, जबकि असली कैंडिडेट वॉशरूम में ही रहा।
- परीक्षा खत्म होने पर स्टाफ बजरंगलाल ने जाकर सचिन को बाहर निकाला।
गिरफ्तार आरोपी:
- दिनेश कुमार (26) पुत्र विद्याधर जाट, निवासी घड़ियाल नगर, कोलिड़ा
- राकेश कुमार यादव (30) पुत्र मोहनलाल यादव, निवासी दोबलाई, गोविंदगढ़
दोनों आरोपी TCS में कार्यरत थे और परीक्षा सेंटर पर तैनात थे। CCTV फुटेज में दिनेश कुमार को डमी कैंडिडेट से परीक्षा के पहले और बाद में संवाद करते भी देखा गया।
फरार आरोपी:
- असली कैंडिडेट सचिन मलिक (रोल नंबर: 2411012807)
- डमी कैंडिडेट (अज्ञात)
- स्टाफ मेंबर बजरंगलाल
परीक्षा की पृष्ठभूमि:
SSC-GD परीक्षा फरवरी 2025 में देशभर में आयोजित हुई थी। यह परीक्षा BSF, CISF, CRPF, ITBP, SSB और असम राइफल्स में कॉन्स्टेबल (राइफलमैन) पदों के लिए ली गई थी।
प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल
इस मामले ने परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सेंटर स्टाफ की मिलीभगत और तकनीकी कंपनी TCS के कर्मचारियों की संलिप्तता इस फर्जीवाड़े को और गंभीर बनाती है।

