24 News Update अजमेर। राजस्थान की भर्ती परीक्षाओं में सेंध लगाने के मामलों में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक (पीटीआई) प्रतियोगी परीक्षा–2022 में 10 लाख रुपए लेकर किसी अन्य अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने वाला स्कूल लेक्चरर आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। हैरानी की बात यह है कि डमी कैंडिडेट बना यह व्यक्ति खुद आरपीएससी से चयनित राजकीय लेक्चरर है।
अजमेर की सिविल लाइन थाना पुलिस ने लंबे समय से फरार चल रहे और 5 हजार रुपए के इनामी आरोपी को शनिवार को बाड़मेर से गिरफ्तार किया। आरोपी ने जिस अभ्यर्थी की जगह परीक्षा दी थी, वह न केवल परीक्षा में पास हो गया, बल्कि आरपीएससी के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन तक पहुंच गया। यहीं पूरे फर्जीवाड़े की परतें खुलीं। एएसपी गणेशाराम ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान हुकमाराम (31) पुत्र पुनाराम, निवासी जालोर जिले के डूंगरी गांव के रूप में हुई है, जो वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल, डूंगरी (जालोर) में लेक्चरर पद पर पदस्थापित है। हुकमाराम और मुख्य अभ्यर्थी गेनाराम एक ही क्षेत्र के रहने वाले हैं। इसी जान-पहचान के चलते गेनाराम ने परीक्षा में अपनी जगह बैठने के लिए हुकमाराम से संपर्क किया और 10 लाख रुपए में सौदा तय हुआ।
पुलिस जांच में सामने आया कि अजमेर के श्रमजीवी कॉलेज में आयोजित परीक्षा केंद्र पर गेनाराम की जगह हुकमाराम ने परीक्षा दी। परिणाम आने पर गेनाराम का चयन भी हो गया, लेकिन दस्तावेज सत्यापन के दौरान फोटो और पहचान संबंधी विसंगतियों से फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया। इसके बाद आरपीएससी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया।
इस प्रकरण में मुख्य अभ्यर्थी गेनाराम को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि हुकमाराम पिछले 18 महीनों से फरार था। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह लगातार ठिकाने बदलता रहा। पुलिस के अनुसार फरारी के दौरान आरोपी नशे का आदी भी हो गया था। एएसपी गणेशाराम ने बताया कि हुकमाराम का वर्ष 2021 में आरपीएससी से भूगोल विषय में लेक्चरर पद पर चयन हो चुका था। इसके बावजूद उसने लालच में आकर भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट बनकर न केवल कानून तोड़ा, बल्कि पूरी चयन प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए।
गौरतलब है कि 30 अप्रैल 2023 को आरपीएससी द्वारा 461 पदों के लिए वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक प्रतियोगी परीक्षा-2022 आयोजित की गई थी। जांच में सामने आया कि इस परीक्षा में चार अभ्यर्थियों और अन्य आरोपियों ने षड्यंत्रपूर्वक मूल प्रवेश पत्रों पर लगे फोटो की जगह स्कैन की गई फर्जी फोटो लगाकर डमी कैंडिडेट बैठाए थे। इस पूरे मामले में 5 अप्रैल 2024 को आरपीएससी की ओर से सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। अब तक इस संगठित फर्जीवाड़े में चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस का कहना है कि नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच जारी है।
10 लाख में नौकरी का सौदा, शिक्षक ही निकला डमी परीक्षार्थी, पीटीआई भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा: डॉक्यूमेंट सत्यापन में खुली पोल, 18 माह से फरार इनामी लेक्चरर गिरफ्तार

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