वीसी बोले – गड़बड़ी को लेकर हो रही गंभीर जांच, 10-12 छात्रों की पहचान और दस्तावेज खंगाले
24 News Update जोधपुर। NEET UG-2024 परीक्षा में फर्जीवाड़े की जांच अब राजस्थान के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों तक पहुंच गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम ने जोधपुर स्थित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में बीते चार दिनों से डेरा डाल रखा है। सूत्रों के अनुसार, यहां द्वितीय और तृतीय वर्ष के करीब 10-12 छात्रों से पूछताछ की जा रही है।
CBI को शक है कि इन छात्रों ने डमी कैंडिडेट बनकर अन्य अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने का प्रयास किया। इस सिलसिले में CBI ने फोटो, हस्ताक्षर और तकनीकी साक्ष्यों का मिलान कर जांच तेज कर दी है।
बिहार में पकड़े गए गैंग से खुलासा, जोधपुर तक जुड़े तार
पटना से शुरू हुई इस जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब जोधपुर AIIMS के MBBS तृतीय वर्ष के छात्र हुकमाराम गोदारा को 4 लाख रुपए लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर के डीएवी स्कूल परीक्षा केंद्र में डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा देने की कोशिश करते पकड़ा गया। वह प्रयागराज निवासी डॉक्टर आर.के. पांडे के बेटे राज पांडे की जगह परीक्षा देने गया था, लेकिन बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन में फेल हो गया और धर दबोचा गया। इस प्रकरण से जुड़े CBI के केस (FIR) की जांच दिल्ली की स्पेशल यूनिट कर रही है। तकनीकी जांच के जरिए छात्रों के अकादमिक रिकॉर्ड, परीक्षा केंद्रों के CCTV, बायोमेट्रिक डेटा और रजिस्ट्रेशन दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है।
कुलपति ने दी पुष्टि, सीबीआई की जांच जारी
इस पूरे मामले में आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति ने कहा कि – “CBI की टीम NEET UG में गड़बड़ी को लेकर जांच कर रही है। जांच में जिन गैंग के सदस्य पकड़े गए हैं, उनसे मिली जानकारी के आधार पर हमारे विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों की संलिप्तता की आशंका है। फिलहाल टीम जांच कर रही है और हम उन्हें पूरा सहयोग दे रहे हैं।” CBI की जांच पूरी होने के बाद यदि डमी कैंडिडेट बन परीक्षा देने की पुष्टि होती है, तो छात्रों के खिलाफ फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और परीक्षा अधिनियम के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई संभव है। साथ ही संबंधित संस्थानों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।

