24 news Update उदयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने उदयपुर में रिश्वतखोरी के बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए एक निजी व्यक्ति शांतिलाल सोनी को ₹3.50 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। चौंकाने वाली बात यह है कि यह रकम सीधे तौर पर उदयपुर में पदस्थापित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) हितेश मेहता के लिए मांगी गई थी। एसीबी मुख्यालय को शिकायत मिली थी कि एक BMW कार की बिक्री से जुड़े प्रकरण को निपटाने और कोर्ट में चालान पेश कराने के एवज में ₹3 लाख की रिश्वत की मांग की जा रही है। जांच और सत्यापन के बाद स्पष्ट हुआ कि वास्तविक मांग ₹3.50 लाख की गई है।
मुख्यालय के निर्देश पर जयपुर नगर तृतीय इकाई ने ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई। यह ऑपरेशन एसीबी उप महानिरीक्षक (द्वितीय) आनंद शर्मा के पर्यवेक्षण में किया गया। मौके पर टीम का नेतृत्व एएसपी ज्ञान प्रकाश नवल और डीएसपी सुरेश कुमार स्वामी ने किया।
रंगे हाथों गिरफ्तारी
एसीबी टीम ने शांतिलाल सोनी को उसी समय दबोच लिया, जब वह शिकायतकर्ता से पूरी रिश्वत की राशि ले रहा था। पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि यह रिश्वत वह ASP हितेश मेहता, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (क्राइम अगेंस्ट वुमन), उदयपुर के लिए ले रहा था। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में एएसपी हितेश मेहता की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। अब उनके खिलाफ अलग से विस्तृत जांच की जाएगी। एसीबी की अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव ने कहा कि विभाग भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है।
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