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75 करोड़ का काम, एक बारिश में ये आलम, मानसून में सोच लीजिए अंजाम-ए गुलिस्तां क्या होगा? प्रशासन और नेता तैयार रहे जवाब देने के लिए

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24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर आयड़ नदी में जनता का करोड़ों का पैसा जल्दी ही पानी में नजर आने वाला है और इसकी एक झलक आज प्री मानसून में ही देखने को मिल गई है। आज आयड़ नदी के आनंद प्लाजा वाले छोर पर बारिश के पानी के बहाव को भी नदी के बीच बनी नहर नहीं झेल सकी और पानी का फैलाव आस-पास क सौंदर्यीकरण वाले आयड़ रिवर ब्यूटिफिकेशन प्रोजेक्ट के स्ट्रक्चर में हो गया। यह तो ट्रेलर है, जब पानी का बहाव आएगा तब क्या होगा यह सवाल पूरा शहर पूछ रहा है और इसका जवाब आज नही तो पानी के बहाव वाले दिन जिला प्रशासन और निरीक्षण के लिए आने वाले नेताओं को देना ही होगा। आज पानी को जेसीबी की मदद से रास्ता बना कर आगे बढाया गया। यह दृश्य खुद सवाल खड़े कर रहा है कि मानसून में इस गुलिस्तां का क्या होगा। यह तथ्य बहुत खास है कि आयड़ नदी के पानी से उदयसागर झील पिछले 3-4 सालों में हर बार ओवरफ्लो हो रही है। नदी के पानी में साल दर साल वृद्धि हो रही है। फतहसागर झील की कुल जल संग्रह क्षमता 1.209 करोड़ घन मीटर है। पिछले पांच सालों में 19 फतहसागर के बराबर पानी उदयसागर बह चुका है। आयड. नदी की कुल लंबाई 16 किलोमीटर है। अभी इसमें से 5 किलोमीटर पर 75 करोड का खर्चा कर सौदर्यीकरण के काम हो रहे हैं। नदी को संवारने का यह काम पहले यह काम मार्च में पूरा होना था। फिर अप्रेल तक पूरा करने की बात कही गई। यहां पर नदी के किनारों को कृत्रिम रूप से सौंदर्यीकृत किया जा रहा है। सदा नीरा बनाए रखने के लिए नदी के बीच एक नहर बनाई गई है ताकि बारिश के बाद और खासकर गर्मी में इसमें पानी का बहाव बना रहे। लेकिन कोई यह नहीं बता रहा है कि बारिश के दौरान ऐसा कौनसा जादू है कि पानी इसी नहर से बहकर निकलेगा। आस पास के करोडों के कामों का नुकसान नहीं होगा। प्राकृतिक बहाव से छेड़छाड़ व पक्के निर्माण को लेकर झील प्रेमी शुरू से ही लगातार विरोध कर रहे हैं। नदी के बीचों बीच 30 फीट (9 मीटर ) चौड़ी नहर आखिर कैसे इतना पानी झेलेगी। यहां पर पगडंडी रास्ते व पत्थर के पास घास वाले हिस्से में पौधे लगाने हैं। बैठने के लिए कई जगह बैंच लगेगी। नदी के अधिकांश हिस्से में हाइमास्ट लाइटें लगाने की तैयारी है। कुछ जगह तो लग चुकी है।

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