24 न्यूज अपडेट उदयपुर. हार्टफूलनेस एजुकेशन संस्थान में दो दिवसीय हार्टफुलनेस कार्यशाला का आयोजन 25 -26 जून को किया गया। कार्यशाला में उदयपुर एवं भीलवाड़ा संभाग के 70 अभ्यासियों ने भाग लिया । कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में एस एम एस एफ, हार्टफुलनेस रिसर्च सेंटर के निदेशक प्रोफेसर मोहन दास हेगडे ने अपने अनुभव साझा करते हुए आध्यात्मिक प्रगति के लिए विभिन्न आयामो पर प्रकाश डाला। उदयपुर की ज़ोनल कोर्डिनेटर श्रीमति मधु मेहता ने बताया कि इस अवसर पर अभ्यासी भाई बहनो ने अध्यात्मिक अभ्यास के दोरान के द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब दिए उन्होंने बताया कि एक आध्यात्मिक साधक में असीम क्षमताएं होती हैं उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए एक जिज्ञासु को लगन और निरंतर अभ्यास की जरूरत होती है। इसके साथ ही ईश्वर प्राप्ति के लिए पूर्ण शर्णागति और अनुशासन भी महत्व पूर्ण है। उदयपुर केंद्र समन्वयक डॉ राकेश दशोरा ने बताया कि 26 जून को प्रातः 6 से 7 बजे तक हार्टफुलनेस अभ्यासियो ने अजमेर के वरिष्ठ प्रशिक्षक भाई बी एस शर्मा और उदयपुर के डॉ के के सक्सेना के नेतृत्व में विश्व शांति, समन्वय, सही सोच, सही समझ जीवन के प्रति ईमानदार दृष्टिकोण और उदयपुर नगर में ईश्वरीय कृपा से भरे वातावरण के लिये प्रार्थना करते हुए संकल्प यात्रा की। इस यात्रा में 20 से अधिक अभ्यासियो ने कारवां के साथ भाग लिया। इस दोरान अभ्यासियो ने चित्रकूट नगर में हार्टफुलनेस के निर्माणाधीन आश्रम भवन का भी अवलोकन किया जहाँ भाई मोहन बोराना ने उन्हे निर्माण की जानकारी दी। इस कार्यशाला में 25 एवं 26 जून को सत्संग में दो ध्यान सत्र भी आयोजित किये गये, भीलवाड़ा के भाई योगेश ने रिलेक्सेशन करवाया। भाई नरेंद्र मेहता ने सहेली नगर स्थित आवास में कार्यशाला का समन्वय और रविंद्र सिंघवी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
हार्टफुलनेस कार्यशाला में सीखा- ईश्वर प्राप्ति के लिए पूर्ण शर्णागति और अनुशासन की जरूरत

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