उदयपुर, 9 सितम्बर, 2024. हम अपने भौतिक शरीर का पूरा ध्यान रखते हैं परंतु क्या हम अपने अंदर से भी शांत, संतुष्ट और पूर्ण रूप से संतुलित मन रखते हैं? अधिकांश लोग इस बात से सहमत नहीं होंगे। जरूरत है अपने भीतर से जुड़ने की, स्वयं को जानने की और अपने लाइफ फोर्स को जगाने की। यह सब संभव है यदि हम अपने हृदय की बात सुने समझे और मानना शुरू कर दें। यह वक्तव्य मैसूर स्थित हार्टफुलनेस अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रो. मोहन दास हेगडे ने मतस्यकी महाविद्यालय में रविवार शाम को आयोजित हार्टफुलनेस के खुले सत्र “कॉनक्टिंग विथ लाइफ इन लाइफ ” में व्यक्त किये। उन्होंने योग गुरुओं की बातों का जिक्र करते हुए बताया कि हम योग का अर्थ शारीरिक स्वास्थ्य से लगते हैं परंतु यथार्थ में योग आत्मा से परमात्मा का मिलन है इसके लिए हमें योग्य गुरु की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि हमें आध्यात्मिक मार्ग मे गुरु सोच समझ कर चुनना चचाहिए। न्होंने बताया कि केवल मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जिसे ईश्वर ने सोचने समझने और इच्छा शक्ति उपहार में दी है। वह इसे अपने जीवन में अपना कर आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ सकता है । उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और लक्ष्य प्राप्ति में पूर्ण क्षमता से जुट जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद ने भी कहा था कि अपने भीतर की आवाज को पहचानो, उठो जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक मत रुको। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को हार्टफुलनेस योग पद्धति से परिचित करवाया साथ ही रेलेक्सेशन और ध्यान का अनुभव भी करवाया जिससे सभी उपस्थित आम जन ने शांति और आत्मिक प्रसन्नता का अनुभव किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में हार्टफुलनेस प्रशिक्षक प्रो के के सक्सेना ने प्रो हेगड़े का जीवन परिचय दिया और बताया कि हार्टफुलनेस ध्यान पद्धति हमें स्वयं, आत्मा और दिव्यता से परिचित करवाने में सफल हो सकती है हमारा अस्तित्व और जीवन का उद्देश्य क्या है यह हम जान सकते हैं और उसे सरलता से पा सकते है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में उदयपुर के हार्टफुलनेस समन्वयक डॉ राकेश डॉ राकेश दशोरा ने मुख्य वक्ता प्रो मोहनदास हेगड़े एवं जोनल समंवयक् श्रीमती मधु मेहता का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती निवेदिता शेखावत एवं श्रीमती आशा शर्मा ने किया अंत में धन्यवाद डॉ सुबोध शर्मा ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दौरान 120 प्रतिभागी एवं 30 हार्टफुलनेस अभ्यासी उपस्थित थे इस दौरान श्री महेश कुलगुडे ने ब्राइटर माइंड्स के द्वारा बच्चों के मानसिक कौशल विकास की जानकारी दी वहां उपस्थित वॉलिंटियर्स सुश्री रंजना शर्मा, आशी गांधी, हर्षित व हिमांक यादव ने ब्राइटर माइंड्स में बताए गए व्यायामों का प्रदर्शन भी किया जिसे सभी उपस्थित जन ने एंजॉय किया। सोमवार को दो सत्रों में प्रो हेगड़े ने सुबह एफ एम एस और अपराह्न में बी एन फार्मेसी महाविद्यालय में हार्टफुलनेस ध्यान करवाया और फैकल्टी तथा विधार्थियों को हार्टफुलनेस ध्यान पध्यति की जान कारी दी। इन दोनों सत्रों में डॉ राकेश दशोरा ने प्रो हेगड़े का जीवन परिचय दिया, श्रीमती मधु मेहता ने स्वागत उद्बोधन दिया और श्री रवि सिंघवी, श्रीमती मधु सिंघवी, ट्रेनर महेश कुल गुड़े, ट्रेनर आशा शर्मा, सुबोध शर्मा व कपिल का सहयोग रहा। फार्मेसी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ युवराज सिंह सरंगदेवोत, डॉ कमल सिंह राठौर, डॉ प्रदीप गोयल, डॉ एम एस राणावत एवं डॉ आर एस सरंगदेवोत ने भी ध्यान सत्र में भाग लिया और हार्टफुलनेस ध्यान की प्रभावशीलता को स्वीकार करते हुए इसे आगामी बेच में नियमित करने की बात कही।
हार्टफुलनेस के द्वारा अपने दिल की सुनें – प्रो मोहनदास हेगड़े

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