24 न्यूज अपडेट. जयपुर। राजस्थान में एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक मामले को लेकर मंगलवार को हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। जस्टिस समीर जैन ने आरपीएससी (राजस्थान लोक सेवा आयोग) और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) के अधिकारियों से इस प्रकरण में उनकी भूमिका पर सवाल उठाए। एफआईआर दर्ज न होने पर नाराजगीः कोर्ट ने पूछा कि जब आपके (आरपीएससी) दो सदस्यों का कनेक्शन इस मामले में सामने आया, तो क्या यह आपकी ड्यूटी नहीं थी कि आप खुद एफआईआर दर्ज कराते? चेयरमैन कैलाश चंद्र मीणा ने कहा कि बाबूलाल कटारा की संलिप्तता में पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी थी। उन्होंने दावा किया कि एसआईटी अपनी जांच कर रही थी, जिससे पहले आरपीएससी को कुछ करने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
जब एडीजी वीके सिंह ने कहा कि अब आरपीएससी में ऐसा नहीं होता, कोर्ट ने कहा, “जो अब हो रहा है, वह 3-4 साल बाद पता चलेगा।“ कोर्ट ने कहा कि “पूरे मामले में आरपीएससी साइलेंट है, यह स्थिति गंभीर है।“ कोर्ट ने कहा कि ईडी को पहले ही पार्टी बनाने के आदेश दिए जा चुके हैं। याचिकाकर्ता भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि एसओजी, पुलिस मुख्यालय, और कैबिनेट सब-कमेटी ने भी इस भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की है। ट्रेनी एसआई का कहना है कि पेपर लीक में उनकी कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने अन्य सरकारी नौकरियां छोड़कर इस पद को चुना है। यदि भर्ती रद्द हुई, तो उनके साथ अन्याय होगा। एसआई भर्ती 2021 परीक्षा का पेपर लीक हुआ था, और कई डमी कैंडिडेट्स को परीक्षा में बैठाया गया था। एसओजी की जांच में फर्जीवाड़े से नौकरी हासिल करने वाले कई उम्मीदवारों का खुलासा हुआ। अब तक 50 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 25 को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
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