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यज्ञ और योग है व्यक्तित्व विकास का मूल मंत्र – डा शर्मा

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 24 न्यूज अपडेट उदयपुर। योग और यज्ञ के संस्कार यदि बाल्यावस्था से ही बच्चों में डाल दिए जाएं तो बच्चे  संस्कारवान, राष्ट्र भक्त और श्रेष्ठ नागरिक बन सकते हैं ।यज्ञ की ज्योति से कुसंस्कार नष्ट होते हैं और योग की शक्ति से श्रेष्ठ संस्कारों का उदय होता है। ये विचार वैदिक पुरोहित डॉ भूपेंद्र शर्मा ने बाल संस्कार आयोजन समिति, उदयपुर द्वारा पाइन वर्ल्ड स्कूल सेक्टर 4 में चलाए जा रहे पांच दिवसीय बाल संस्कार शिविर के चौथे दिन शनिवार को बच्चों को यज्ञ प्रशिक्षण देते हुए व्यक्त किए।  मीडिया प्रभारी नरेश पूर्बिया ने बताया कि यज्ञ के बाद बच्चों को प्रति दिन सूर्योदय से पहले जागने, बड़ों के चरण स्पर्श करने, क्रोध न करने, स्क्रीन से दूर रहने आदि संकल्प दिलवाए गए। आरएसएमएम के नर्सिंग ऑफिसर योगाचार्य देवाराम राजपुरोहित द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सूर्य नमस्कार और नेत्र ज्योति बढ़ाने हेतु नेत्रों के सूक्ष्म व्यायाम, त्राटक, योगासन,  प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करवाया गया। शिक्षाविद्  अमृत रंजन पांडे ने बच्चों को शिक्षाप्रद खेल खिलाए। बच्चों में अभिव्यक्ति कला के विकास हेतु कहानी प्रस्तुति प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया। मोटिवेशनल स्पीकर गोवर्धन नंदवाना ने एक प्रेरक कहानी सुनाते हुए कहानी प्रस्तुति का प्रशिक्षण देते हुए कहानी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कहानी हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और कहानी सुनने और पढ़ने से शिक्षा और प्रेरणा मिलती है। शिविर के सफल संचालन में नवनीत भट्ट,भरत शर्मा,मधुकांत शर्मा, शैलेंद्र जोशी, मधु नागदा, नीता जोशी, पुष्पा सुथार द्वारा शिविर आयोजन में अग्रणी भूमिका निभाई जा रही है।

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