24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवम प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय ,उदयपुर के संघटक सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय के मानव विकास एवं पारिवारिक अध्ययन विभाग द्वारा “ “मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की परतों को खोलना” विषयक एक दिवसीय सत्र का आयोजन किया गया. उद्घाटन सत्र के दौरान, सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय की डीन डॉ. धृति सोलंकी ने सभी छात्रों का स्वागत किया।तथा भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य की और बढ़ रही जागरूकता का समर्थन करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना छात्र जीवन के प्रमुख पहलुओं में से एक है। डीन के संबोधन ने शैक्षणिक और व्यक्तिगत सफलता प्राप्त करने के लिए समग्र स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित किया। मानव विकास एवं पारिवारिक अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सुमन औदिच्य ने सभी विद्यार्थियों को मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में बताया। वर्तमान परिदृश्य में बहुत से विद्यार्थी चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं, जो दर्द और पीड़ा का कारण बनते हैं, इसलिए मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के हर पहलू को समझना और उसका प्रबंधन करना बहुत जरूरी है।
मनोवैज्ञानिक सलाहकार श्रीमती विनया पारीख ने मानसिक और भावनात्मक संतुलन प्राप्त करने के लिए हमारी भावनाओं के बारे में स्वयं जागरूक होने के महत्व को बताया। उन्होंने आगे आत्म जागरूकता की विभिन्न परतों का वर्णन किया, उन्होंने व्यक्तिगत मूल्य, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करने के लिए विभिन्न व्यावहारिक अभ्यास और अन्य गतिविधियों को कियान्वित किया । जिससे मानव मनोविज्ञान की परतों की समझ के साथ विभिन्न प्रकार की चिकित्सा, एक्यूप्रेशर और योग की चर्चा, और दैनिक दिनचर्या में उनके प्रभावी कार्यान्वयन से अनावश्यक दबाव और तनाव को दूर करने, चिंता और अवसाद की संभावनाओं को कम करने में मदद मिलती है। छात्रों को उनकी भावनात्मक और मानसिक स्थिति के बारे में जागरूक करने के लिए कार्यक्रम के दौरान कई गतिविधियाँ आयोजित की गईं, उनमें से कुछ थींः ’मैं खुद को कैसे देखता हूँ और दूसरों को कैसे देखता हूँ’, जिन चीज़ों को मैं पसंद करता हूँ और जिन चीज़ों में मैं अच्छा हूँ’ और भी बहुत कुछ। कार्यक्रम में डॉ मोनिका राय ,रेखा राठौड तथा विभाग के सभी छात्र -छात्राओं ने सकारात्मक उत्साह के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की परतों को खोलना” जरूरी : डॉ. धृति सोलंकी

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