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स्पष्टता, शुद्धता और तकनीकी रचनात्मकता—स्टैंडर्ड राइटिंग का सार: डॉ. धृति सोलंकी

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24 News Update उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय में आज ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS), जयपुर के सहयोग से स्टैंडर्ड्स राइटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ. धृति सोलंकी ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मानकीकरण मात्र तकनीकी प्रक्रिया नहीं, बल्कि गुणवत्ता आश्वासन, सुरक्षा और वैज्ञानिक अनुशासन को मजबूत करने का आधार है। ऐसे आयोजन विद्यार्थियों के ज्ञान को व्यावहारिक दिशा देते हैं और उन्हें राष्ट्रीय विकास में योगदान देने योग्य बनाते हैं।
कार्यक्रम सीसीएएस स्टैंडर्ड्स क्लब की मेंटर प्रोफेसर डॉ. सुमन सिंह के निर्देशन में आयोजित हुआ। विशेष वक्ता और बीआईएस विशेषज्ञ प्रफुल कोठारी ने विद्यार्थियों को स्टैंडर्ड लिखने की प्रक्रिया, संरचना, भाषा, पद्धति और तकनीकी बारीकियों से अवगत कराया। उनके प्रशिक्षण सत्र ने छात्रों में विश्लेषणात्मक सोच, स्पष्टता और शुद्ध लेखन की समझ को मजबूत किया। प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थियों ने प्रतियोगिता में उत्साहपूर्ण भागीदारी दी और अपनी तकनीकी दक्षता व मौलिकता का प्रदर्शन किया।
समापन सत्र में परिणाम घोषित किए गए—
प्रथम पुरस्कार: कुणाल चौहान व राजल नामा — उत्कृष्ट स्पष्टता और मौलिकता के लिए।
द्वितीय पुरस्कार: नेहा खजूरिया व प्राची — प्रभावी संरचना व सामग्री संगठन के लिए।
तृतीय पुरस्कार: प्रतीक्षा व दीपशिखा — सुविचारित प्रस्तुति और मानकों के अनुपालन के लिए।
इसके अतिरिक्त सांत्वना पुरस्कार अंबिका भाखर व अमीषा खर्रा को उनके नवोन्मेषी प्रयास के लिए प्रदान किए गए।

कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति के सदस्यों—
डॉ. सुमन सिंह, डॉ. रेखा व्यास, डॉ. हेमु राठौड़, डॉ. जयमाला दवे, डॉ. अंजली जुयाल, सुश्री बिपाशा, सुश्री ऋतिशा, सुश्री पूजा, सुश्री चार्वी, श्री प्रदीप कुमार सेहरा और श्री रितुराज—का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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