24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। राष्ट्र भारती एकेडमी,नेला रोड,सेक्टर 14 में श्री पुष्कर दास महाराज के द्वारा चल रही संगीतमय नानी बाई के मायरे की कथा में पूर्णाहुति में चौथे दिन कहा कि साधु हो जाना व साधु बन जाने में बहुत फर्क हे स अगर हमारे घट में दया भाव आ जाएं तो यही संतत्व है। अधिकांश भक्त गृहस्थी में ही हुए हे स जो परमात्मा से जुड़ा होगा वही कथा,सत्संग में आता है। मायरे की कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा की नरसी जी को भक्ति मार्ग में कही जगह मान अपमान का सामना करना पड़ा स नरसी जी भजन करते हुए नगर अंजार के बाजार पहुंचे स ब्याही जी के वहा से एक व्यक्ति नरसी जी के पास आकर कहता है आपके डेरे में ठाकुर सांवल सेठ आए हैं। नरसी जी दौड़े दौड़े अपने डेरे में पहुंचते हे परंतु वहा भगवान नहीं थे। नरसी जी अश्रु धारा बहाते हुए बोलने लगे सांवरिया किस रे दिशा वर नाटो स आगे नानी बाई के ससुराल के घर के बड़े चौक में मायरा भरने की तैयारिया की गई। भरी सभा के बीच भगवान द्वारिकाधीश ने रुक्मणिजी के साथ नानी बाई को चुंदड़ी ओढ़ाई और मायरा भरा । अंत में भगवान द्वारकाधीश,राधा रुक्मणि और नरसी जी की सुंदर झांकी का मंचन किया गया। महाआरती की गई और पूरा प्रांगण जयकारों से गूंज उठा स प्रारंभ में संस्थापक धर्मनारायण जोशी, विजय प्रकाश विप्लवी ने अतिथियों का स्वागत किया। अतिथियों में सांसद् मन्नालाल रावत, उपमहापौर, पारस सिंघवी, पूर्व महापौर चन्द्रसिंह कोठारी, रजनी डांगी, डॉ. शिवसिंह सारंगदेवोत व डॉ . जे.के. छापरवाल, भाजपा नेता दिनेश भट्ट, नरेश पूर्बिया, डॉ. कुंजन आचार्य व यशवंत पालीवाल ने दीप प्रज्ज्वलन व तुलसी जल सिंचन करके कथा का शुभारंभ किया।
भगवान द्वारिकाधीश ने राधा, रुक्मणि के साथ मायरा भरा

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