24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। पानेरियों की मादड़ी, होली चौक नोहरे में मेनारिया समाज ग्राम सभा की ओर से नानी बाई रो मायरो कथा में व्यासपीठ के पंडित माणकलाल मेनारिया ने बताया कि भक्त राज नरसी नानी बाई को बहुत विश्वास दिलाते है। सांवलिया सेठ जरूर आएंगे। अनेक भक्तों के कार्य किए हैं धना भगत, करमा बाई, रविदास और शबरी आदि का उदाहरण देकर समझाते है। नानी बाई के द्वारा मायरा की एक लिस्ट लिखवा कर नरसी जी को दी जाती है फिर नरसी जी को भोजन के लिए बुलाया जाता है वहां पर नरसी जी को स्वागत में तिलक निकालते है पर नेग का रुपया नहीं दे पाने से तिलक पुनः मिटा दिया जाता है नरसी जी उदास हो जाते है स्नान के लिए जल मंगवाते पर वह भी बहुत गर्म होता है। इन्द्र भगवान से आग्रह करने पर इंद्र भगवान मूसलाधार बरसात करवाते है। फिर प्रभात फेरी निकाली जाती है नरसी जी को भोजन में बासी खिचड़ी परोसी जाती है पर तुलसी पत्र चढ़ते ही वह स्वादिष्ट व्यंजन बन जाता है फिर नरसी जी की पुकार पर भगवान द्वारिका से सांवल सेठ का रूप बनाकर राधा रुकमणी को सेठाणिया बनाकर रिद्धि सिद्धि, गणपति जी, नारद जी सरस्वती जी को साथ लेकर मायरा भरने के लिए जूनागढ़ की ओर प्रस्थान करते है। अध्यक्ष ब्रदीलाल कचरावत ने बताया कि इस मौके पर ग्राम सभा के संरक्षक जगदीश चन्द्र, उपाध्यक्ष तुलसीराम कचरावत, बंशीलाल नाथावत, महामंत्री किशन लाल नेतावत, कोषाध्यक्ष कैलाश सखावत, धनलाल कोलावत, कैलाश मेनारिया, लक्ष्मीलाल मानावत, परसराम सखावत, देवकिशन सोमावत, छगन लाल कोलावत, जगन्नाथ कचरावत, तुलसीराम मेनारिया, मुकेश नेतावत, नारायण नेतावत, सुरेश मेहता, भेरूलाल सखावत, गजेन्द्र मानावत, तिलक नाथावत एवं ग्रामसभा के सभी पदाधिकारी, समाजजन व आस-पास क्षेत्र के हजारां की सख्या में महिलाएँ एवं पुरूषों ने संगीतमय कथा का लाभ लिया।
नानी बाई रो मायरो में द्वारिका से सांवल सेठ का रूप बनाकर राधा रुकमणी, गणपतिजी के साथ मायरा भरने जूनागढ़ की ओर किया प्रस्थान, भाव विभोर हो गए श्रोतागण

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