24 न्यूज अपडेट. ब्यूरो उत्तराखंड। अगर आप भी बाबा रामदेव की इन दवाइयों का उपयोग करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई का सामना कर रहे बाबा रामदेव को जोर का झटका लगा है। उत्तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को निलंबित कर दिया है। इस बात की जानकारी उत्तराखंड सरकार की तरफ से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में दी गई। यह आदेश 15 अप्रेल को ही जारी कर दिया गया था मगर सार्वजनिक कल ही हो पाया। हलफनामे से पता चला कि उत्तराखंड सरकार की स्टेट लाइसेंसिंग ऑथोरिटी या एसएलए ने आयुर्वेदिक उत्पादों के निर्माण के लिए दिया लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि दिव्य फार्मेसी हरिद्वार तथा पतंजलि आयुर्वेदिक लिमिटेड, हरिद्वार द्वारा उत्पादन लाइसेंस में उल्लिखित नियमों व शर्तों, ड्रग्स एवं मैजिक रेमैडीज एक्ट 1954 तथा ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट 1945 का बार-बार उल्लंघन किया जा रहा है। संबंधित फर्म द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वर्तमान में भी भ्रामक विज्ञापन जारी रहना संज्ञानित हुआ है। इस आदेश के मुताबिक इन उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट 1945 की धारा 159(1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। साथ ही उत्पादों का निर्माण तत्काल प्रभाव से बंद करने की भी बात कही गई है। द इंडियन एक्सप्रेस रिपोर्ट बताती है किएसएलए ने अपने हलफनामे में कहा है कि उसने दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को 15 अप्रैल को आदेश जारी किया था। आदेशानुसार बाबाजी की आंख वाली दवाई सहित 14 उत्पादों, ् ’स्वसारि गोल्ड’, ’स्वसारि वटी’, ’ब्रोंकोम’, ’स्वसारि प्रवाही’, ’स्वसारि अवलेह’, ’मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर’, ’लिपिडोम’, ’बीपी ग्रिट’, ’मधुग्रिट’, ’मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर’, ’लिवमृत एडवांस’, ’लिवोग्रिट’, ’आईग्रिट गोल्ड’ और ’पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप’ के लिए विनिर्माण लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
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