भीलवाड़ा. भीलवाड़ा के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के दौरान एक महिला की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा मचाया। परिजन हॉस्पिटल के मेन गेट के बाहर बैठ गए और न्याय नहीं मिलने तक आंदोलन की चेतावनी दी। परिजनों का आरोप है कि महिला को एकदम सही हालत में हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, लेकिन डॉक्टर और हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही के चलते महिला की मौत हो गई। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर इंफेक्टेड खून चढ़ाने का आरोप लगाया है। मामला शहर के रामस्नेही हॉस्पिटल का है। मृतका के देवर दिनेश वैष्णव ने बताया- गंगापुर में रहने वाले उनके भाई मुकेश वैष्णव की 36 वर्षीय पत्नी पुष्पलता वैष्णव को खून की कमी के चलते 26 जून को हॉस्पिटल में चेक कराया था। डॉक्टर ने बताया था कि महिला को खून की कमी है और उन्हें 4 यूनिट खून चढ़ाना पड़ेगा। घर वालों की सहमति मिलने के बाद महिला को करीब 3 यूनिट खून चढ़ाया गया। इसी दौरान किसी इन्फेक्शन के चलते महिला की हालत बिगड़ गई और आज सुबह महिला ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल प्रबंधन ने मृत महिला का भी इलाज जारी रखा। परिजनों को महिला के पास तक नहीं जाने दिया और दोपहर बाद में सूचित किया कि महिला की डेथ हो चुकी है। स्टाफ ने भील परिजनों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें धक्के मारकर बाहर निकाल दिया। परिजनों को जब महिला की मौत की सूचना मिली तो गुस्साए परिजन हॉस्पिटल के बाहर धरने पर बैठ गए। परिजनों ने मृतक का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम और दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो महिला के शव का अंतिम संस्कार हॉस्पिटल में ही किया जाएगा। फिलहाल परिजनों का प्रदर्शन जारी है।
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