उदयपुर के दोनों प्रत्याशियों के पास कोई वाहन नहीं, आखिर कैसे करेंगे चुनावी भागदौड़
24 न्यूज अपडेट.उदयपुर। कांग्रेस प्रत्याशी ताराचंद मीना ने आज उदयपुर लोकसभा सीट से अपने चार नामांकन दाखिल किए। नामांकन के बाद उनका एफिडेविट सामने आया जिसके अनुसार ताराचंद मीना के पूरे परिवार के पास कोई भी वाहन नहीं है। ना उनके पास, ना उनकी पत्नी ना उनके बेटे के पास कोई वाहन है। ताराचंद मीना के शपथ पत्र के अनुसार उनके पास 32 ग्राम सोने के जेवर हैं जिनकी कीमत 2,08,000 रूपए है जबकि पत्नी के पास 255 ग्राम सोने जेवर हैं जिनकी बाजार कीमत 16,57,500 रूपए है। मीना परिवार के पास चांदी या अन्य किसी धातु का जेवर नहीं है। मीना पेंशनर हैं तो उनकी पत्नी की सावर अजमेर में बिसुन्दनी मिनरल्स नाम से फर्म में 25 प्रतिशत की भागीदारी 1 लाख 95 हजार रूपए की है। जहां तक संपत्ति की बात है,उनके परिवार की अधिकतर कृषि संपत्ति जोधपुर व मारवाड़ जंक्शन में है। मीना को कृषि संपत्ति विरासत में मिली है जबकि पत्नी को विभिन्न संपत्ति विरासत में नहीं मिली है, स्व अर्जित है। मीना की कृषि संपत्ति का बाजार मूल्य 88 हजार 500 रूपए है जबकि उनकी पत्नी की कृषि भूमि का बाजार मूल्य 1 करोड 53 लाख 25 हजार है। गैर कृषि भूमि को देखें तो मीना को 14 हजार 220 वर्गफीट जमीन विरासत में मिली है। उनकी पत्नी के पास कोई गैर कृषि भूमि नहीं है। जहां तक आवासीय भवन की बात है तो पति और पत्नी के आशापुरा वेली में आवासीय मकान हैं। जिनमें से मीणा की संपत्ति का मूल्य 34 लाख है जबकि उनकी पत्नी की संपत्ति का मूल्य 2 करोड 95 लाख है। मीना ने एलआईसी पर 4 लाख 12 हाजर का कर्ज ले रखा है। कुल स्वअर्जित अस्तियों का मूल्य 27 लाख 50 हजार है जबकि पत्नी की स्वअर्जित अस्तियों का मूल्य 2 करोड 95 लाख है।
इससे पूर्व आज उदयपुर लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस प्रत्याशी ताराचंद मीना ने अपने चार नामांकन दाखिल किया। इस दौरान मीना ने उदयपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी अरविंद कुमार पोसवाल के समक्ष नामांकन प्रस्तुत किया। उनके साथ केंद्रीय पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ गिरिजा व्यास, पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा, खेरवाड़ा विधायक दयाराम परमार मौजूद रहे। पत्रकारों से बात करते हुए मीना ने कहा कि भाजपा की सीटें तो नहीं पेट्रोल जरूर 400 पार हो जाएगा। ये जुमलों की सरकार है और जिस तरह से 400 पार सीटें लाने की बात कर रही है। मीना बोले कि महंगाई चरम पर है, रोजगार का अता-पता नहीं है। ये केवल लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। जो सहयोग उदयपुर कलेक्टर और जनजाति आयुक्त के पद पर रहते हुए उदयपुर की जनता ने मुझे दिया वहीं सहयोग यहां प्रदान करें।
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