24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। डबोक थाना क्षेत्र के टुस डांगीयान गांव में चोरों ने एक ही रात में छह अलग-अलग घरों में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया जिससे पूरे गांव में हाहाकर मच गया। घटना के दौरान चोरों ने नकदी और कीमती सामान चुराए और जब तक ग्रामीणों को इसका अहसास हुआ, चोर फरार हो चुके थे। इस तरह की वारदातों ने गांव में असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया और पुलिस की निष्क्रियता को लेकर स्थानीय निवासियों में आक्रोश पैदा किया। 22 जनवरी की मध्यरात्रि के बाद, चोरों ने 23 जनवरी की रात को 1 बजे से 3ः30 बजे के बीच टुस डांगीयान गांव में अपने अभियान को अंजाम दिया। पहले घर का उल्लेख प्रेमपुरी पुत्र तखतपुरी गोस्वामी ने किया, जो गांव के निवासी हैं। प्रेमपुरी ने डबोक थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाई और बताया कि चोरों ने उनके घर के ताले तोड़कर 4,000 रुपये नकद और दो चांदी की पायल चुरा ली। इसके बाद चोरों ने गांव के विभिन्न हिस्सों में अन्य घरों में भी चोरी की वारदातें कीं। गांव की रावत बस्ती में, मांगीलाल मीणा पुत्र तेजाजी के घर में चोरों ने ताला तोड़कर घुसने का प्रयास किया। घर में सामान बिखेरकर चोरों ने बक्से में रखे 30,000 रुपये नकद और चांदी की पायल एवं कंदोरा चुरा लिया। हालांकि, घर के लोग जाग गए थे, लेकिन चोर पहले ही फरार हो गए थे।
वहीं, मेघराज पुत्र पुरा के घर पर चोरी की कोशिश हुई मगर सीसीटीवी कैमरे में हरकतें रिकॉर्ड हो गईं। यह देखकर चोर बिना चोरी किए भाग गए। गंगा बाई पत्नी कमला शंकर जोशी के घर में भी चोरी की वारदात हुई। चोरों ने खिड़की के लोहे के ड्रिल और जाली को निकालकर कमरे में घुसने की कोशिश की। हालांकि, वे केवल 10,000 रुपये चुराकर वहां से भागने में सफल रहे। शंकर लाल डांगी पुत्र परथा के घर में भी चोरी की कोशिश हुई। शंकर की बेटी खुशी और पुत्र राहुल जरुरी काम से बाहर निकले थे और चोरों को देखा, जिससे उनकी चौकसी बढ़ी। उन्होंने तुरंत अपने पिता को फोन किया, लेकिन इससे पहले कि शंकर वहां पहुंचते, चोर फरार हो गए थे। इसी तरह, प्रेमशकर पुत्र तखतपुरी के मकान का ताला तोड़कर चोरों ने घर के सामान को बिखेर दिया और वहां से 4,000 रुपये नकद और दो चांदी की पायल चुरा लीं।
ओमप्रकाश पुत्र कैलाश जी के घर में भी चोरों ने ताला तोड़कर 55,000 रुपये नकद चुरा लिए। इसके बाद, गांव के पिपली चौक में नारायण पुत्र डालू के घर की खिड़की को तोड़कर चोर घर में घुसने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन भूरालाल डांगी के घर के बाहर कुछ आवाजें आईं, जिससे घर में सो रहे शिवलाल जाग गए और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इस कारण चोर बिना कोई वारदात किए वहां से भाग गए।
पुलिस की निष्क्रियता और ग्रामीणों का आक्रोशः
इस घटना ने गांव के निवासियों में भारी आक्रोश पैदा किया। चोरों ने घरों में घुसकर न केवल नकदी और जेवरात चुराए, बल्कि उनके द्वारा की गई कार्रवाई से यह साफ था कि वे पूरी योजना के साथ काम कर रहे थे। इन घटनाओं के बाद जब ग्रामीणों ने एकत्रित होकर चोरों को पकड़ने का प्रयास किया, तब भी वे अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। पुलिस की निष्क्रियता को लेकर ग्रामीणों में भारी असंतोष था क्योंकि इससे पहले भी ऐसे कई मामले हो चुके थे, लेकिन पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। गांव में पहले भी कई दुकानों और मकानों में चोरी की घटनाएं हो चुकी थीं, और इन मामलों में कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया था। इसका परिणाम यह हुआ कि चोरों का हौसला बढ़ गया और उन्होंने बिना किसी डर के यह वारदातें कीं। जब गांव के लोग पुलिस से मदद की उम्मीद कर रहे थे, तो पुलिस की तरफ से कार्रवाई का कोई असर दिखाई नहीं दिया, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा और बढ़ गया। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए ग्रामीणों ने यह भी कहा कि पुलिस को इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए और जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।
सीसीटीवी में दिख रहे हैं लेकिन पुलिस की पकड़ से दूर
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है। चोरों के गिरोह का खुलासा करने और उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस को तकनीकी और रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। सीसीटीवी कैमरे में चोरों की हरकतें साफ-साफ कैद हो गईं थीं, लेकिन फिर भी चोर पुलिस के हाथों नहीं आए। यह दर्शाता है कि पुलिस जांच में कोई कमी हो सकती है या फिर जांच में सही दिशा में प्रयास नहीं किया जा रहा है। पुलिस को चाहिए कि वे चोरों के गिरोह की पहचान करें और उनका पीछा करें, ताकि उन्हें पकड़ा जा सके। इसके अलावा, पुलिस को गांव में गश्त बढ़ानी चाहिए, ताकि चोरों को डर हो और वे गांव में अपराध करने की कोशिश न करें। एक मजबूत पुलिस सुरक्षा तंत्र के बिना, अपराधियों के मनोबल को तोड़ा नहीं जा सकता। इसके लिए पुलिस को अपने संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करने की आवश्यकता है।
टुस डांगीयान में चोरों की धमाल, पुलिस की निष्क्रियता से ग्रामीणों में जबर्दस्त आक्रोश

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