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गुरूर का इंजन: डबल इंजन का हाथ थामते ही सरकारी कर्मचारियों पर उठा दिए हाथ, बोला-मालवीया का आदमी हूं, कैसे काट रहे हो कनेक्शन

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24 न्यूज अपडेट.बांसवाड़ा। डबल इंजन का हाथ क्या थाम लिया, नेताजी को गुरूर आ गया कि सब गलत और सही ढंक दिया जाएगा जैसा कि आजकल सब जगह होता दिख रहा है। दबंगई दिखाते हुए भाजपा नेता ने सरकारी कर्मचारियों को कूट दिया। वो पानी का कनेक्शन काटने आए थे, बिल जमा नहीं था। इसका अभियान चल रहा है इन दिनों। बताया गया कि बांसवाड़ा शहर में हाल ही में कांग्रेस से भाजपा का दामन थामने वाले एक नेता की दबंगई का वीडियो वायरल हो गया। इसमें जलदाय विभाग की रेवेन्यू वसूली के लिए आए कनिष्ठ अभियंता हरीश को कूटा जा रहा है। हरीश खुद हरि मोहन मीणा और अन्य कार्मिकों के साथ रेवेन्यू वसूल करने आए थे। मोचीवाड़ा में जिनके बिल जमा नहीं थे उनके कनेक्शन काट दिए गए। इस दौरान जिसने भी कहा कि मोहलत दीजिए एक दो दिन की तो उनको दे दी गई व छोड दिया गया। कनिष्ठ अभियंता हरीश ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि – हम कार्यवाही करते हुए आगे बढ़े और पुराना बस स्टैंड के पास आदिनाथ टेलीकॉम पहुंचे। दुकान के मालिक विकेश मेहता मौजूद नहीं थे। कार्मिकों ने मेहता का नंबर दिया और उन्हें बकाया वसूली के लिए कहा। इस पर मेहता साहब बोले कि मैं तो मालवीया का आदमी हूं, कनेक्शन कैसे काट सकते हो। इस पर कहा गया कि भाई साहब, जो बकाया है, वो जमा कर दो। कुछ देर बाद विकेश मेहता तैश में आए और आते ही अपना भाजपा वाला गुरूर दिखना शुरू कर दिया, हरिमोहन मीणा के साथ मारपीट शुरू कर दी। मेहता साहब ने कांग्रेस छोड़कर हाल ही में भाजपा जॉइन की है। शायद उनको डबल इंजन की सरकार का गुमान है। मेहता मारपीट के बाद अधिकारी को जबरन दुकान के अंदर ले गए और वहां भी कूट दिया। मीणा के खून बहने लगा और शर्ट फट गया। लोगों ने वीडियो बना लिया और मेहता साहब की करतूत सबके सामने आ गई। अब मामला राजतालाब थाने में चला गया है। प्रकरण दर्ज हुआ है। राज तालाब थानाधिकारी दिलीप सिंह ने कहा कि राजकीय कार्य में बाधा और एसटीएएसी एक्ट में मामला दर्ज हुआ हैं। विकेश मेहता भी हैं जोरदार पाॅलिटिशियन, पहले वो कांग्रेस में थे तो पूर्व सीएम अशोक गहलोत के करीबी थे। भाजपा सरकार बनने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया। उनको लगता है कि राजनीति के रसूख के चलते किसी को भी कूटा जा सकता है। अब देखना ये है कि मालवीयाजी का नाम आने के बाद भाजपा वाले कितना साथ देते हैं और कैसे मामले को मैनेज करते हैं।

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