24 न्यूज अपडेट स्टेट डेस्क। राजस्थान में इस साल ग्राम पंचायतों से लेकर पंचायत समितियों और जिला परिषदों की संख्या बढ़ने जा रही है। कैबिनेट ने 28 दिसंबर को पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन करने का फैसला किया था। अब पंचायती राज विभाग ने पुनर्गठन की तैयारी शुरू कर दी है। अब 41 जिले ही रह गए हैं। ्जिलों में पंचायतों के पुनर्गठन करने का काम शुरूहोगा जिसमें प्रदेश की 33 जिला परिषदों का विस्तार होने जा रहा हे। अब 8 नए जिलों बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलोदी और सलूंबर में भी पहली बार नई जिला परिषद बनेगी। अब प्रदेश में ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों की संख्या बढ़ेगी। सरपंच, प्रधान और जिला प्रमुखों की संख्या बढ़ने पहले से ज्यादा नेताओं को मौका मिलेगा। अब 40 की जगह 25 ग्राम पंचायतों पर पंचायत समिति बनाना तय किया गया है। सामान्य इलाकों में 2019 में कम से कम 4000 और अधिकतम 6500 जनसंख्या पर एक पंचायत बनती थी। अब 4000 की जगह 3000 और 6500 की जगह 5500 कर दिया है। अब 3000 की आबादी पर एक पंचायत बनेगी। रेगिस्तानी और आदिवासी जिलों में 2000 की आबादी पर एक ग्राम पंचायत बनेगी। नई एक पंचायत समिति बनाने के मापदंड भी बदले है। पहले 40 ग्राम पंचायत पर एक पंचायत समिति बनती है। अब 40 के स्थान पर 25 ग्राम पंचायत पर ही एक पंचायत समिति बन सकेगी। पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के फैसले से वन स्टेट-वन इलेक्शन का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के एक साथ चुनाव करवाने में उनका 5 साल का कार्यकाल होते ही चुनाव करवाने की बाध्यता सबसे बड़ी बाधा थी। विशेष परिस्थितियों को छोड़कर चुनाव टाले नहीं जा सकते। प्रदेश की 6789 पंचायतों के जनवरी में चुनाव करवाने हैं और उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है। एक साथ चुनाव करवाने के लिए इनके चुनाव करीब छह से आठ महीने तक टालने होंगे।
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