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कुक कम हेल्पर संघर्ष समिति ने किया प्रदर्शन, न्यूनतम मजदूरी सहित अन्य मांगें पूरी करने की मांग

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सरकारी विद्यालयों व मदरसों में पोषाहार बनाने वाले कुक कम हेल्परों के हाल-बेहाल, कहीं नहीं हो रही सुनवाई

24 न्यूज अपडेट
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उदयपुर। सरकारी स्कूलों व मदरसों में बच्चों को पोषाहार खिलाने से लेकर बाल गोपाल योजना में दूध पिलाने सहित अन्य काम कर रहे कुक कम हेल्पर के हाल-बेहाल हैं। न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय मिल रहा है। बरसों से काम के बाद भी ना तो सरकारी स्तर पर कोई सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा है ना ही समुचित वेतन वृद्धि हो रही हैं। आज अपनी मांगों को लेकर जिलेभर के कुक कम हेल्परों ने कलेक्ट्री के बाहर प्रदर्शन किया और ज्ञापन देकर अपनी मांगें रखीं। कुक कम हैल्परों ने अपनी पीडा बयां करते हुए कहा कि मिड डे मिल योजना में राजस्थान के 86341 स्कूलों में 1 लाख 9 हजार 922. कुक काम कर रहे हैं जिनमें से 98 हजार 387 महिलाएं हैं। प्रत्येक जिले में औसतन 5000 कुक से विद्यालयों के ताले खोलने, कमरों की साफ सफाई करने, चाय बनाकर पिलाने का काम भी कराया जाता है। रोज दूध गरम करके बच्चों को पिलाने का काम भी जुड़ गया है। पूरा दिन खपने के बाद छुट्टी होने पर पुनः ताला लगाकर घर जाते हैं। फिर भी सरकार कुक कम हेल्पर को म्यूनतम मजदूरी भी नहीं दे रही है। कुक को केवल 2003 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है। यह वेतन सरकार द्वारा निर्धारित न्युनतम मजदूरी से करीब 4 गुणा कम है। जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा में कुक को 7000 रुपए मासिक है। पंजाब में 3000 रूपये मासिक है। साल भर में 180 दिन सवैतनिक प्रसूति अवकाश, वेतन सहित 20 सी एल. 10 एमएल व हिमाचल प्रदेश में 4000 रुपए मासिक वेतन दिया जाता है। कुक कम हेल्पर कुशल श्रमिक हैं तथा सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी कानून के तहत 309 रुपए दैनिक अर्थात 8034 रुपए मासिक मजदूरी पाने के लिये पात्र हैं। राजस्थान में सबसे कम वेतन दिया जा रहा है और यह वेतन भी 4-5 महीने देरी से मिलता है। वहीं कुछ विद्यालयों में नियमानुसार कुक नहीं लगाए गये हैं। ऐसे भी कुक कम हेल्पर हैं जो 20-22 साल से सेवा दे रहे हैं पर उन्हें बिना कोई लाभ दिये बिना हटाने का षड.यंत्र चल रहा है। ऐसे में कुक कम हेल्पर को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अनुसार कुशल श्रमिक की मजदूरी दी जाए । सभी कुछ कम हेत्यर को नियुक्ति पत्र और वर्दी दी जाए, हाजिरी रजिस्टर रखा जाए। प्रत्येक 50 विद्यार्थियों पर एक कुक लगाये जाए। सभी विद्यालयों में लकड़ी के बजाए गैस सिलेंडर पर पोषाहार पकाने के लिए आदेश निकाला जाए। साथ ही विद्यालयों में खाना बनाने के लिए पानी व बर्तन की समुचित व्यवस्था कराई जाए। कुक कम हेल्पर का वेतन हर माह दिए जाये, वेतन कुक के बैंक खाते में जमा कराया जाए। पेशन व ग्रज्युटी की व्यवस्था की जाए। बाल गोपाल योजना के अंतर्गत काम बढने पर वेतन बढ़ाए जाए। रे साल का वेतन दिया जाए।

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