24 न्यूज अपडेट नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ‘‘माई फ्रेंड’’ डोनाल्ड ट्रम्प ने एपल को लेकर एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। ट्रम्प ने शुक्रवार को स्पष्ट कहा कि जो आईफोन अमेरिका में बेचे जाएंगे, उनका निर्माण भारत या किसी अन्य देश में नहीं, बल्कि अमेरिका में ही होना चाहिए, अन्यथा 25 परसेंट का आयात शुल्क (टैरिफ) लगाया जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर यह चेतावनी दी। ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने एपल के ब्म्व् टिम कुक से पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि भारत में फैक्ट्रियां लगाने की जरूरत नहीं है। “इंडिया अपना ख्याल खुद रख सकता है,” ट्रम्प ने दोहा में बिजनेस लीडर्स से बातचीत में कहा। “अगर तुम भारत में प्रोडक्शन करना चाहते हो, तो भारत के लिए करो। अमेरिका में बिकने वाले आईफोन अब यहीं बनने चाहिए,“ दृ ट्रम्प ने दोहा कार्यक्रम में कहा। ट्रम्प की इस नाराजगी की एक बड़ी वजह यह है कि अमेरिकी बाजार में बिकने वाले लगभग 50 परसेंट आईफोन अब भारत में बन रहे हैं। एपल ब्म्व् टिम कुक ने हाल ही में कहा था कि भारत अब अमेरिका के लिए एक प्रमुख प्रोडक्शन बेस बनता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर, एपल की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर फॉक्सकॉन ने हाल ही में ₹12,700 करोड़ का निवेश तमिलनाडु में किया है।
एपल का भारत की ओर झुकावः 5 बड़े कारण
चीन से दूरीः जियोपॉलिटिकल तनाव और कोविड लॉकडाउन के बाद एपल अब चीन पर निर्भरता कम करना चाहता है। सरकारी इंसेंटिव्सः भारत की मेक इन इंडिया और च्स्प् स्कीम कंपनियों को स्थानीय निर्माण के लिए प्रोत्साहित करती हैं। बढ़ता बाजारः भारत स्मार्टफोन के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में एक है। यहां लोकल मैन्युफैक्चरिंग से बाजार में पकड़ मजबूत होती है। एक्सपोर्ट हबः भारत में बने लगभग 70 परसेंट आईफोन विदेशों में एक्सपोर्ट होते हैं, जिससे टैरिफ में भी बचत होती है। वर्कफोर्स और इंफ्रास्ट्रक्चरः भारत में अब स्किल्ड वर्कफोर्स और मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं का तेजी से विकास हो रहा है।
2026 तक भारत में सालाना 6 करोड़ से अधिक आईफोन निर्माण का लक्ष्य
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अगर एपल की मौजूदा योजनाएं सफल रहती हैं, तो 2026 तक भारत में हर साल 6 करोड़ से ज्यादा आईफोन बनेंगे, जो अभी की क्षमता का लगभग दोगुना है।
मान नहीं रहा माई फ्रेंड ट्रम्प : कहा-भारत में बने आईफोन पर 25 परसेंट टैरिफ लगेगा

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