- बहरोड थाने पर फायरिंग कर कुख्यात गैंगस्टर पपला गुर्जर को छुड़ाकर ले जाने का है आरोपी
- गैंगस्टर पपला गुर्जर के गांव का ही रहने वाला है राजवीर उर्फ लारा, करीब 6 साल से चल रहा था फरार
- गैंगस्टर राजवीर के कब्जे से घटना में प्रयुक्त एके 56 रायफल मय डबल मैग्जीन व 07 जिन्दा कारतूस बरामद
24 News Update जयपुर। जयपुर एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की टीम ने बड़ी कार्रवाई कर 5 साल 8 महीने पहले थाना बहरोड पर एक-47 एवं अन्य अत्याधुनिक हथियारों से हमला कर हवालात में बंद कुख्यात गैंगस्टर विक्रम गुर्जर उर्फ पपला को भगाने के मामले में फरार चल रहे साथी गैंगस्टर राजवीर गुर्जर उर्फ लारा पुत्र रण सिंह (32) निवासी खैरोली थाना महेंद्रगढ़ हरियाणा को रेवाड़ी से गिरफ्तार कर लिया है। गैंगस्टर की गिरफ्तारी पर पुलिस मुख्यालय से 1 लाख रुपये का इनाम घोषित है।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स एवं अपराध श्री दिनेश एमएन ने बताया कि 5-6 सितम्बर 2019 की दरमियानी रात हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर विक्रम गुर्जर उर्फ पपला निवासी खैरोली जिला महेन्द्रगढ़ को भिवाड़ी जिले की बहरोड़ थाना पुलिस ने एक स्कॉर्पियो एवं 31.90 लाख रुपए नगद सहित गिरफ्तार किया था। अगले दिन गैंगस्टर राजवीर गुर्जर उर्फ लारा सहित अन्य 30 से अधिक बदमाश एके -47 एवं अन्य अत्याधुनिक हथियारों के साथ बहरोड़ थाने पर हमला कर हवालात में बंद पपला गुर्जर को छुड़ाकर भगा ले गए थे।
एडीजी श्री एमएन ने बताया कि इस घटना के 17 महीने बाद 27-28 जनवरी 2021 को भिवाड़ी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धांत शर्मा के नेतृत्व में ईआरटी के जांबाज कमांडो की टीम द्वारा विक्रम गुर्जर उर्फ पपला को उसकी महिला मित्र जिया के साथ महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया। मामले में पुलिस अब तक 32 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपी गैंगस्टर राजवीर गुर्जर उर्फ लारा घटना के वक्त से ही फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए उनके कार्यालय से ₹1 लाख के ईनाम की घोषणा की गई।
श्री एमएन ने बताया कि फरार इनामी गैंगस्टर राजवीर की तलाश व गिरफ्तारी के लिए उप महानिरीक्षक पुलिस योगेश यादव के समन्वय व एजीटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सिद्वान्त शर्मा के सुपरविजन एवं उप अधीक्षक पुलिस श्री फूलचन्द टेलर के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।
तलाश को नाम दिया “ऑपरेशन लारा”
आरोपी राजवीर की तलाश एवं धरपकड़ को एजीटीएफ ने ऑपरेशन लारा नाम दिया। इनामी बदमाश राजवीर बचपन में क्रिकेट का अच्छा खिलाडी था, इस कारण गांव में राजवीर को लारा नाम से पुकारते थे।
मोबाइल व सोशल मीडिया से बना रखी थी दूरी
राजवीर की तलाश के प्रयासों के दौरान सामने आया कि आरोपी अपने पास ना तो मोबाईल रखता था और ना ही सोशल मीडिया का उपयोग करता था। ऑपरेशन लारा के दौरान एजीटीएफ द्वारा मुखबीर तंत्र मजबूत किया जाकर जमीनी स्तर पर कार्य कर गैंगस्टर राजवीर को रेवाडी हरियाणा से पकड़ने में सफलता प्राप्त की गई। अनुसंधान के दौरान मुल्जिम की सूचना पर एके 56 रायफल मय डबल मैग्जीन व 07 जिन्दा कारतूस बरामद किये गये। इस कार्य को अंजाम देने के लिए भिवाड़ी हाल एजीटीएफ के कांस्टेबल सुधीर कुमार को लगाया गया था।
18 से 20 राज्यों में काटी फरारी
गैंगस्टर राजवीर ने गत 06 वर्षों के दौरान लगभग 18-20 राज्यों विजय नगर कर्नाटक, कोल्हापुर, नासिक महाराष्ट्र, गोवा, प्रयागराज उत्तर प्रदेश, हरियाणा व दिल्ली के विभिन्न जिलों में अपनी पहचान छुपाते हुए फरारी काटी है। इस दौरान इसने अनेक बार भेष बदला व दक्षिणी भारत में विभिन्न अखाड़ों में रहा ताकि पुलिस को चकमा दिया जा सके। अधिकतर समय बसों व ट्रेनों में लम्बी-लम्बी यात्राएं अलग-अलग नामों से की। किसी भी स्थान पर लम्बे समय तक नहीं रहा।
परिवार-दोस्तों से भी बनाई दूरी
फरारी के दौरान मुल्जिम ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कभी भी मोबाईल और सोशल मीडिया अकाउन्ट का उपयोग नहीं किया। अपने परिवार, रिश्तेदार व सभी साथियों से सम्पर्क तोड़ एकाकी जीवन व्यतीत कर रहा था।
आरोपी गैंगस्टर राजवीर उर्फ लारा गंभीर प्रवृति के अपराध करने का आदी रहा है। इसके खिलाफ हरियाणा के महेन्द्रगढ में पूर्व से हत्या व मारपीट के प्रकरण दर्ज है, जिसमें हत्या के प्रकरण में जमानत पर चल रहा है।
ईनामी गैंगस्टर राजवीर उर्फ लारा की तलाश एवं गिरफ्तारी करने वाली एजीटीएफ टीम में डीएसपी फूल चन्द, एसआई कमलेश चौधरी, एएसआई शैलेन्द्र शर्मा, हैड कांस्टेबल राम अवतार, कांस्टेबल बृजेश शर्मा, लोकेश कुमार निर्वाण एवं सुधीर कुमार शामिल थे। कांस्टेबल सुधीर कुमार की मुल्जिम राजवीर की गिरफ्तारी व एके -56 रायफल की बरामदगी में अहम योगदान रहा।
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