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हैड कांस्टेबल ने पत्रकार से की बदसलूकी, मोबाइल छीना, आई चोट, पूछने पर बताया-थाने का सीसीटीवी कैमरा बंद, अब कैसे मिलेगा न्याय??

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24 न्यूज अपडेट. सलूंबर। पत्रकारों के साथ बदसुलूकी के मामले बढ़ते ही जा रहे है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और पुलिस मुख्यालय से सीआईडी अपराध के स्पष्ट आदेश के बावजूद पत्रकारों को ना सिर्फ परेशान किया जा रहा है बल्कि मौके पर रिपोर्टिंग करने पर पो खुलने के डर से परेशान व उनके साथ बदसलूकी तक की जा रही है। साक्ष्य व तथ्यों को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। रिपोर्टिंग के दौरान काम में लिए जाने वाले उपकरणों में अवैध रूप से तांक-झांक करते हुए सोर्स की गोपनीयता को भंग किया जा रहा है।
जिले के कूण थाने में एक पुलिसकर्मी ने थानाधिकारी के सामने पत्रकार से मोबाइल छीन लिया,उनके साथ बदसलूकी व अभद्रता भी कर दी। वर्दी का रोब जमाते हुए धमकी दी कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। पत्रकार के हाथ में चोट आई है। मामले की रिपोर्ट पत्रकार ने सलूंबर एसपी राजेश यादव को देते हुए कार्रवाई की मांग की है। बताया जा रहा है कि थाने के सीसीटीवी कैमरे बंद है। ऐसे में न्याय कैसे मिलेगा, यह बड़ा सवाल खडा हो गया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि थाने के सीसीटीवी कैमरे बंद नहीं होने चाहिए। यदि बंद हैं तो संबंधित अथॉरिटी को सूचना देकर ठीक करवाने होंगे। परमवीर सैनी बनाम बलजीतसिंह केस में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय पारित किया था कि मानवाधिकारें की रक्षा के लिए थाने के चप्पे-चप्पे में कैमरे लगाने हैं व उसकी रिकॉर्डिंग माने जाने पर पीडितों को देने हैं। इसके साथ ही रिकॉर्डिंग 18 महीने तक सुरक्षित रखनी भी है मना नहीं कर सकते। कैमरे खराब होने पर संबंधित अथॉरिटी को सूचित करना होगा। राज्य सूचना आयोग का कहना है कि कैमरे तथ्यों की प्रमाणिकता के लिए हैं इनकी रिकॉर्डिंग दी जा सकती हैं।
जानकारी के अनुसार रविवार दोपहर 2 बजे के करीब पत्रकार करण औदिच्य को पास भुवारिया कुंआ गांव के ग्रामीणों का फोन आया व कहा कि हेलमेट नहीं पहनने पर कूण थाना पुलिस ने नाबालिग लड़के के साथ मारपीट की और पुलिस जीप में थाने ले गए हैं। मामले की जानकारी के लिए पत्रकार ने कूण थाना प्रभारी प्रवीण सिंह शक्तावत से संपर्क करना चाहा लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। जानकारी के लिए पत्रकार कूण थाना गए और थाना प्रभारी प्रवीण सिंह शक्तावत से संपर्क किया। इसी बीच उनके पास बैठे हैड कांस्टेबल मनोज कुमार मीणा आए व आते ही पत्रकार के साथ गली-गलौच शुरू कर दिया। वे कहने लगे कि मैं चाहूंगा वही इस थाने में होगा। मैं बहुत पुराना पुलिसकर्मी हूं और पिता एसडीएम हैं। इसलिए मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। मैं पिछले 11 वर्ष से इस क्षेत्र में नौकरी कर रहा हूं। हैड कांस्टेबल मनोज कुमार ने ऐसा कहते हुए पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की कर बदसुलूकी कर दी। पत्रकार से मोबाइल छीन लिया और फोटो व वीडियो डिलीट कर दिया। इस दौरान पत्रकार के हाथ पर चोट आई। मामले को लेकर पत्रकार सोमवार को सलूंबर एसपी के पास गए और उसके साथ हुए घटनाक्रम की रिपोर्ट देते हुए कार्रवाई की मांग की।

इनका कहना है
इस विषय को लेकर मैंने जांच सीओ सलूंबर को सौंप दी है। अगर हैड कांस्टेबल ने गलत किया है तो हम कार्रवाई करेंगे।

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