24 न्यूज अपडेट उदयपुर। शहर में कई दिनों से लगातार अतिक्रमण के खिलाफ चल रही कार्यवाही के विरोध में ठेला व्यवसाय मज़दूर यूनियन की ओर से ज़िला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। यूनियनों ने कहा कि उदयपुर में टाऊन वेडिंग कमेटी की ओर से 21 जुलाई 2016 को एक सूचना जारी कर टाऊन वेडिंग कमेटी की बैठक 29 जुलाई 2016 को प्रातः 11 बजे नगर निगम, उदयपुर के बैठक सभागार में आयोजित की गयी, जिसमें ’ठेला व्यवसाईयों के सर्वे पर चर्चा एवं नगर निगम द्वारा निश्चित किये गये वेण्डिंग एवं नो-वेण्डिंग जोन पर चर्चा व अनुमोदन पर चर्चा करने का तय किया गया। इस सूचना के साथ ही शहर के कई क्षेत्रों को पेण्डिंग एवं नो-वेण्डिंग जोन तय करने की सूचि भी प्रेषित की जिसमें (1) कोर्ट चौराहा से चेतक सर्कल, (2) चेतक सर्कल से शिक्षा भवन चौराहा के बीच, (3) शिक्षा भवन तिराहा से पी पी सिंघल तिराहा बीच के 3 वेण्डिंग स्थानों को छोड़ कर (4) पी पी सिंघल तिराहा से आयुर्वेद सर्कल तक. (5) आयुर्वेद सर्कल से राडाजी स्थान तक, (6) आयुर्वेद सर्कल से रानी रोड देवाली तक राजीव गांधी उद्यान के समक्ष वेण्डिग स्थान को छोड़कर एवं (7) मोहता पार्क के पास मुख्य सडक को नो-वेण्डिंग जोन में बताया गया। जिस पर टाऊन वेडिंग कमेटी के स्ट्रीट वेण्डर्स सदस्यों ने प्रस्तुत प्रस्ताव का विरोध किया और नो-वेण्डिंग जोन में घोषित किये जाने वाले उल्लेखित क्षेत्रों को नो-वेण्डिंग जोन से बाहन निकालने का निवेदन किया। टाऊन वेडिंग कमेटी के सदस्यों ने आयोजित बैठक में कहा कि पथ विक्रेता (आजीविका संरक्षण एवं पथ विक्रय विनियमन) अधिनियम-2014 की धारा 21 (1) एवं 2 अनुसार किसी भी क्षेत्र को नो-वेण्डिंग जोन घोषित करने से पूर्व टाऊन वेण्डिंग कमेटी 5 वर्ष की योजना बना इसे समुचित सरकार से स्वीकृति के लिये भेजा जाना आवश्यक है और समुचित सरकार से योजना स्वीकृति के बाद ही किसी भी क्षेत्र को नो-वेण्डिंग क्षेत्र घोषित करने का निर्णय लिया जाना चाहिए, लेकिन इस बारे में आयोजित बैठक में कोई टिप्पणी नहीं की और टाऊन वेडिंग कमेटी सदस्यों को उदयपुर से जारी समाचार पत्रों में आये समावार से 30.07.2016 को ज्ञात हुआ कि कोर्ट चौराहा से चेतक सर्कल तक के क्षेत्र को नो-वेण्डिंग जोन में घोषित कर दिया। हमारी माँग है कि पथ विक्रेता (आजीविका संरक्षण एवं पथ विक्रय का विनियमन) अधिनियम, 2014 की पालना करने का आदेश देने के साथ माननीय न्यायालय, सिविल न्यायाधीश शहर (उत्तर), उदयपुर (राज.) द्वारा दिनांक 12.09.2023 को पारित आदेश एवं डिक्री की पालना करावे और नगर निगम, उदयपुर द्वारा वर्तमान में अतिक्रमण हटाने के नाम पर ठेला फुटपाथ व्यवसाइयों को नाजायज एवं गैर कानूनी रूप से परेशान व बेदखल नहीं करने एवं उनके जबरन जब्त किये गये सामान, ठेले को निःशुल्क लौटाने के साथ दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए।
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