24 न्यूज अपडेट, डूंगरपुर। डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा थाना क्षेत्र में एक बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। एक महिला ने शादी के बाद 5 महीने तक पति के साथ रहने के बाद मौका देखकर सोने-चांदी के गहने और नकदी लेकर फरार हो गई। इस धोखाधड़ी में शादी करवाने वाले दलालों ने भी पैसे ऐंठे। अब पीड़ित युवक न्याय की गुहार लगा रहा है और पुलिस पर भी लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं।
कैसे हुई शादी और ठगी की साजिश?
डूंगरपुर जिले के पुनर्वास कॉलोनी निवासी नवीन कलाल की शादी के लिए दलालों से बातचीत हुई थी। मोनिका नाम की महिला, जो कि मध्य प्रदेश के महू सिमरोल रोड स्थित सुथार खेड़ी कालका माता मंदिर के पास रहती है, उसने नवीन को शादी के लिए 4 से 5 लड़कियां होने की जानकारी दी। शादी करवाने के लिए 4 लाख रुपए की मांग की।
मोनिका ने राखी नाम की लड़की, जो कि उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की निवासी थी, को शादी के लिए राजी कर लिया। शादी की तैयारियों के लिए नवीन और उसके परिवार को 6 मार्च 2024 को महू (मध्य प्रदेश) बुलाया गया। वहां राखी के परिवार वालों ने शादी की पूरी तैयारी कर रखी थी। नवीन और राखी की आर्य समाज में सामाजिक रीति-रिवाजों से शादी करवाई गई।
लुटेरी दुल्हन 15 तौला सोना, चांदी के गहने और ₹47,000 कैश लेकर फरार
शादी के बाद नवीन और राखी अपने घर आ गए। राखी ने 4 से 5 महीने तक सामान्य तरीके से पत्नी की तरह घर में रही, जिससे किसी को शक नहीं हुआ। लेकिन रक्षाबंधन के समय उसने अपने मायके जाने की बात कही और घर से निकल गई।
जब राखी गई तो वह घर में रखे करीब 15 तौला सोने-चांदी के गहने और ₹47,000 नकद भी अपने साथ ले गई। इसके बाद वह वापस नहीं आई और फोन भी ब्लैकलिस्ट में डाल दिया। नवीन ने कई बार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन राखी से कोई बातचीत नहीं हो सकी।
पहले से शादीशुदा थी लुटेरी दुल्हन!
बाद में नवीन को पता चला कि राखी पहले से ही शादीशुदा थी, लेकिन इस बात की जानकारी नवीन और उसके परिवार को छुपाई गई थी। जब शादी तय हुई थी, तब दलाल मोनिका ने राखी को कुंवारी बताया था।
पीड़ित ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
पीड़ित नवीन ने इस धोखाधड़ी की शिकायत सागवाड़ा थाने में की थी, लेकिन पुलिस की ओर से उचित कार्रवाई नहीं की गई। सागवाड़ा थाने के एएसआई हरिसिंह शक्तावत मामले की जांच के लिए 15 दिसंबर 2024 को मध्य प्रदेश के महू गए थे।
लेकिन नवीन का आरोप है कि एएसआई ने जांच के नाम पर रिश्वत ली और आरोपियों के पक्ष में रिपोर्ट बना दी। एएसआई ने नवीन से भी रिश्वत मांगी, लेकिन पैसे नहीं मिलने के कारण उन्होंने मामले में झूठी एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी।
पीड़ित ने संपर्क पोर्टल पर इस पूरे मामले की शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद से एएसआई उस पर दबाव बना रहे हैं और धमकियां भी दे रहे हैं। नवीन को डर है कि उसे झूठे मुकदमे में फंसाया जा सकता है।
अब क्या करेगा पीड़ित?
नवीन ने एसपी कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उसने यह भी कहा कि उसके मानसिक तनाव और सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। क्या इस मामले में पुलिस कोई ठोस कार्रवाई करेगी? क्या आरोपी महिला और दलालों को गिरफ्तार किया जाएगा? यह देखना बाकी है।
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