24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। आज 16 दिनों बाद मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में उम्मीदों का सूरज उगा। तीन महीने से बिना वेतन और नौकरी छीने जाने के आदेश से नाराज एसएफएबी बोर्ड के 327 कर्मचारियों की आंखें उम्मीद से चमक उठी। वीसी की पहल पर कर्मचारियों को काम पर लौटने का लिखित आश्वासन दिया गया और जयपुर में उनकी बात रखने के लिए एक प्रोफेसर और एक असिस्टेंट रजिस्ट्रार का बाई फ्लाइट जयपुर भेजा गया। उसके बाद कर्मचारियों ने भी हड़ताल वापसी की घोषणा कर दी। वीसी ने कहा कि वे कर्मचारियों को हक दिलाने का हर मुमकिन प्रयास कर रही हैं व आगे भी जारी रहेंगे। कर्मचारियों ने भी वीसी का धन्यवाद किया। बताया जा रहा है कि यह विश्वविद्यालय के इतिहास में सबसे लंबी और ऐतिहासिक हड़ताल रही जिसमें 16 दिन तक 327 कर्मचारी सुबह से शाम तक प्रशासनिक भवन में बैठे रहे। इस दौरान होली आ गई मगर तन्ख्वाह नहीं मिली और त्योहार के रंग फीके हो गए। कई बार मौखिक आश्वासन मिले मगर कर्मचारी अपने हक के लिए डटे रहे। इसके बाद महामहिम राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, विधायक तारांचद जैन, शिक्षाविद प्रोफेसर आनंद पालीवाल, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी साहित कई नेताओं का साथ मिला। खुद राज्यपाल ने कहा कि बहाली की जाए लेकिन प्रशासनिक स्तर पर ढुलमुल रवैये के कारण 16 दिन बीत गए। आज सुलह का रास्ता खुलते ही सबके चेहरे खिल उठे। प्रशासन इसलिए खुश हुआ क्योंकि उस पता चल गया कि ये कर्मचारी ही रीढ की हड्डी हैं। इनके हडताल पर जाते ही परीक्षाएं रद्द करनी पडी व विवि प्रशासन की खूब किरकिरी हुई थी। इन कर्मचारियों के पास सीक्रेसी से लगाकर हर फ्रंट ऑफिस तक कामा है और विवि प्रशासन से जुडा एक तबका लगातार अनदेखी कर रहा था। कर्मचारियों ने कहा कि अब वे नियमित रूप से काम करेंगे। एएफएबी बोर्ड सलाहकार मंडल अध्यक्ष नारायण सालवी सहित अन्य सभी कर्मचारियों ने बताया कि कुलपति महोदया के मौखिक निर्देशानुसार छात्र हित व परीक्षाओं को देखते हुए हडताल खत्म की जा रही है। बकाया वेतन दिलवाने का आश्वासन मिला है व काम पर जाने का आदेश। आपको बता दें कि यह हडताल हर मायनों में ऐतिहाकस रही जिसमें 327 कर्मचारी लगातार 16 दिन तक हडताल पर रहे। हडताल को तोडने की कई प्रशासनिक कोशिशें की गई मगर एकजुटता के चलते नाकाम रही। खास बात यह थी कि इसमें सुबह व शाम को अटेंडेंस भी ली गई। आज जयपुर में होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए विवि से प्रोफेसर सीमा जालान और अधिकारी मुकेश बार्बर को बाई फ्लाइट जयपुर भेजा गया।
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