24 न्यूज़ अपडेट जयपुर,। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में गांव—गांव तक स्वास्थ्य सेवाओं की सुगम पहुंच सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ प्रदेशभर में राज्य सरकार की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य शिविरों का शुभारम्भ किया जा रहा है। स्वास्थ्य को लेकर यह राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी पहल है, जिसे बेहतर समन्वय एवं प्रतिबद्धता के साथ सफल बनाएं।
श्रीमती राठौड़ शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य शिविर की तैयारियों एवं अन्य विषयों पर समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि शिविरों की सफलता के लिए आवश्यक है कि संबंधित विभागों के बीच बेहतर तालमेल हो और समय पर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग फोओअप एवं रेफरल शिविरों, सुपर स्पेशलिटी एवं टेलीकंसलटेशन के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करे। साथ ही, कैंसर स्क्रीनिंग के लिए आवश्यक प्रबंध करें। आयुर्वेद विभाग द्वारा आयुष चिकित्सकों एवं दवाओं की व्यवस्था की जाए।
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि शिविरों में अधिकाधिक जनभागीदारी के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका द्वारा शिविरों की जानकारी आमजन को उपलब्ध करवाई जाए। साथ ही, वे लोगों को स्वास्थ्य जांच हेतु शिविरों में आने के लिए प्रेरित करें। पंचायतीराज विभाग एवं राजस्व विभाग भी आमजन को शिविरों की जानकारी उपलब्ध करवाने में आवश्यक सहयोग प्रदान करे। इसी प्रकार शिक्षा विभाग रैली एवं अन्य आयोजनों के माध्यम से शिविरों के संबंध में जागरूकता बढ़ाएं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग दिव्यांगजन को यूडीआईडी प्रमाण—पत्र जारी करने में सहयोग प्रदान करे।
श्रीमती राठौड़ ने कहा कि चिकित्सा विभाग के अधिकारी शिविरों की नियमित समीक्षा करने के साथ ही सुनिश्चित करें कि शिविर स्थल पर जांच एवं उपचार के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध हों। किसी भी स्तर पर कोई गेप नहीं रहे। स्वास्थ्य कार्यक्रमों का आमजन को पूरा लाभ मिले।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक श्रीमती भारती दीक्षित ने कहा कि विभाग की ओर से शिविरों के संबंध में विस्तृत दिशा—निर्देश जारी किए गए हैं। इनके अनुरूप शिविरों की कार्यवाही की जाए। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री इकबाल खान ने कहा कि शिविरों के दौरान आमजन को ईट राइट कैम्पेन के बारे में जानकारी देने के साथ ही श्रीअन्न के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही, मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब के माध्यम से खाद्य पदार्थों की जांच, लाइसेंस एवं खाद्य विक्रेताओं के रजिस्ट्रेशन संबंधी कार्य किए जाएं।
राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती प्रियंका गोस्वामी ने कहा कि शिविरों के दौरान आयुष्मान कार्ड वितरण, ई—केवाईसी का कार्य प्राथमिकता के साथ किया जाए। निदेशक आईईसी श्री शाहीन अली खान ने कहा कि 15 दिसम्बर को प्रदेशभर में रक्तदान शिविरों का भी आयोजन किया जाएगा। सभी जिलों में इसके लिए आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने कहा कि राज्य सरकार की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर जिन चिकित्सा संस्थानों या सुविधाओं का लोकार्पण किया जाना है, उनकी क्रियाशीलता लोकार्पण के साथ ही सुनिश्चित की जाए। अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. सुशील परमार ने शिविरों के आयोजन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेशभर में मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य शिविरों का आयोजन 15 दिसम्बर, 2024 से 31 जनवरी, 2025 तक सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर किया जाएगा। इन शिविरों में एलोपैथी के साथ ही आयुष पद्धति के माध्यम से भी रोगों का निदान एव उपचार किया जाएगा तथा आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा टेलीकंसल्टेशन से भी नागरिकों को लाभान्वित किया जाएगा। गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच, बच्चों का टीकाकरण, असंक्रामक रोग यथा डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कॉमन कैंसर एवं अंधता रोगियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। मरीज को आवश्यकता होने पर एम्बुलेंस के माध्यम से उच्च चिकित्सा संस्थान पर ले जाकर भी उपचारित किया जाएगा। इन सभी शिविरों में 37 प्रकार की जांच सुविधा निःशुल्क उपलब्ध होंगी। गुणवत्तापूर्ण एवं समग्र उपचार की दृष्टि से पंचायत समिति मुख्यालयों पर फोलोअप एवं जिला स्तर पर रेफरल शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
वीसी के माध्यम से आयोजित इस बैठक में निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री महेन्द्र सोनी, निदेशक आरसीएच, आयुर्वेद, शिक्षा विभाग, पंचायतीराज विभाग, राजस्व विभाग, चिकित्सा विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में आयुष्मान आरोग्य शिविर के लिए जिला स्तरीय नोडल अधिकारी, सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य, संयुक्त निदेशक जोन, सीएमएचओ, पीएमओ एवं विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी वीसी से जुड़े।
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