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जब ज्ञान का प्रकाश प्रकट होता है तब ज्ञाता ज्ञान और ज्ञेत त्रिपुटी लय को प्राप्त होता है- संत तिलकराम महाराज

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24 News Update सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। नगर के आसपुर मार्ग लोहारिया तालाब के सामने स्थित कान्हडदास धाम बड़ा रामद्वारा में चातुर्मास में शाहपुरा धाम के रामस्नेही संत तिलकराम के सानिध्य में शारदीय नवरात्रि पर अखंड राम- जप कार्यक्रम आयोजित हो रहे कार्यक्रम में संत ने बताया कि जब ज्ञान का प्रकाश प्रकट होता है तब ज्ञाता ज्ञान और ज्ञेय- यह त्रिपुटी लय को प्राप्त हो जाती है जिस प्रकार अंधकार मिटने पर दीपक की ज्योति सबको प्रकाशित करती है।
संत ने कहा प्रकार सम्यग्विज्ञान आत्मा की अदृतिय सत्ता को प्रकाशित करता है । जब तक मनुष्य अज्ञान से ग्रस्त रहता है तब तक वह संसार को अनेकता और भिन्नता में देखता है सुख-दुख, लाभ- हानि, मित्र- शत्रु की दृत दृष्टि समाप्त हो जाती है और केवल शुद्ध चैतन्य का अखंड अनुभव शेष रहता है । संत ने कहा की आत्मा का ज्ञान न तो किसी साधारण व्यक्ति की व्याख्या से समझा जा सकता है और न ही तर्क -वितर्क से । आत्मा सूक्ष्मतम है अतः इसका अनुभव केवल योग्य आचार्य के माध्यम से ही संभव है आत्मज्ञान कोई बौद्धिक या वाद -विवाद का विषय नहीं । तर्क से केवल अनुमान होता है, परंतु आत्मा का प्रत्यक्ष बोध नहीं । आत्मा सर्वव्यापी और अनन्त है यह विरोधाभास जैसा प्रतीत होता है परंतु वास्तव में वह तर्क से परे अनुभव का विषय है । संत ने कहा कि हनुमान जी महाराज का चरित्र देखो उन्हें कितना सम्मान मिला हनुमान जी को कई उपाधियां दी गई वे ज्ञानियों में श्रेष्ठ हैं,वानरों के राजा हैं,रामजी के दूत हैं,बहुत बलवान है । इतना सब होने के बाद भी जब हनुमानजी लंका से वापस लौटे तो रामजी ने कहा हनुमान तुम धन्य हो तुम जानकी की खबर लेकर आ गए तब हनुमानजी ने कहा कि ये आपके चरणों का प्रताप है विनम्रता इंसान के अंदर आ जाती है वही हनुमान जी का भक्त माना जाता है । प्रवक्ता बलदेव सोमपुरा ने बताया कि राम जप की पूर्णाहुती 2 अक्टूबर को प्रातः 5 बजे होगी । सत्संग 9ः30 बजे आरंभ रहेगा । संत प्रसाद हेमंत सोमपुरा परिवार का रहा राम नाम -जप कार्यक्रम में रात्रि 12 से प्रातः 4 बजे तक रामस्नेही विमलचन्द पालीवाल, अमित वाडेल, गोपाल भावसार, प्रियेश सोमपुरा, निखिल दलाल, भारत शर्मा, देवीलाल सोनी ,प्रभुलाल वाडेल ,नाथू परमार सहित रामस्नेही भक्त उपस्थित रहे।

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