24 News Update सागवाड़ा। नगर के आसपुर मार्ग योगिन्द्र गिरी तलहट पर स्थित श्री प्रभुदास धाम रामद्वारा में मेडता धाम उत्तराधिकारी संत रामनिवास शास्त्री ने कथा के दौरान कहा की सुख और संपत्ति बिना बुलाए स्वभाविक ही धर्मात्मा पुरुषों के पास जाती है।
शास्त्री ने कहा रामचरितमानस महासरोवर है यहां ज्ञान ओर भक्ति की धाराए बहती है । मानस हमे संस्कार ,प्रेम ,मर्यादा मे रहना सिखाता है। धर्म के प्रति जागरूक करने वाला हैं। विवाह प्रसंग पर कहा की जानकी और रघुनाथ जी का विवाह होगा यह समाचार पाकर जनकपुरी के लोग प्रसन्न हो गए। नगरी को सजाने संवारने लगे ध्वजा, पताका ,सुन्दर पर्दो से सारा बाजार सजाया जा रहा है। जनक ने दशरथ जी पत्रिका भेजी जिस पर अयोध्या नगरी को सजाया जाने लगा । बरात मे जाने की तैयारी शुरू हो गई है। श्रीरामजी की अजब बरात अवध से मिथला चली* बिना दुल्हे की बरात है इसलिये अजब है।बरात की अगवानी की गई । हम सभी भाग्यशाली हे हमे राम कथा सुनने को मील रही है यह हमारे पुर्वजन्मो का पुण्य प्रताप है। चारों भाईयों कि बराबरी किसी सै नही कि जासकती है। सर्वगुण सम्पन्न है। विवाह का मुहूर्त हेमंत ऋतु मे मगसर माह मे मंगलवार शुक्ल पंचमी तिथि गोधूलि वेला के समय का निकाला गया। यह मुहूर्त हमारी भारतीय संस्कृति के अनुसार निकाला गया हे । क्योंकि विवाह एक संस्कार है सोलह संस्कारों मे से एक है। बरात का स्वागत किया गया। मण्डप सुन्दर तरीके से सजाया गया है। सभी देवी देवताओं की पूजा अर्चना की गई । जानकी जी मण्डप मे आती है ब्राह्मण लोग मन्त्रोच्चारण कर रहे है। विथि पुर्वक शादी की रस्मे पुरी की जारही है। चारो भाईयों का विवाह एक साथ सम्पन्न हुआ। कथा के दौरान हेमंत भावसार/लालशंकर भावसार परिवार द्धारा व्यासपीठ का ओर पोथी पूजन किया गया। इस अवसर पर कमल शर्मा,जयन्ती लाल मोची, प्रभाशंकर फलोत, रमाकांत भावसार, मधुकर भावसार, प्रसाद भावसार, गोर्वधन शर्मा,राजेंद्र प्रसाद शुक्ला,विजयराम भावसार, लक्ष भावसार, हेमंत सोमपुरा, लालभाई भावसार, राजुभाई भावसार,मधुबाला सोमपुरा, अरुणा भावसार ,मोनिका भावसार, मीना भावसार,कौशल्या शर्मा सहित रामस्नेही भक्त उपस्थित रहे। फोटो- 12 एसएजी 5 । कथा करते संत रामनिवास शास्त्री। जयदीप जोशी
संपत्ति बिना बुलाए स्वभाविक धर्मात्मा पुरूषो के पास जाती है-संत रामनिवास शास्त्री

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