24 News Update उदयपुर | राजस्थान सरकार के जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश रावत ने शुक्रवार को उदयपुर में देवास परियोजना के तृतीय और चतुर्थ चरणों के कार्य स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रस्तावित कार्यों को शीघ्रता से धरातल पर उतारकर परियोजना को गति दी जाए। मंत्री रावत ने नाथियाथल गांव स्थित प्रस्तावित बांध निर्माण स्थल का निरीक्षण किया और परियोजना के तकनीकी विवरणों की जानकारी ली। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि प्रस्तावित बांध का कैचमेंट एरिया 79.06 वर्ग किलोमीटर होगा और इसकी भराव क्षमता 70 एमसीएफटी तय की गई है। साथ ही, 1330 क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड की अतिरिक्त जल निकासी क्षमता भी प्रस्तावित है।
जल संरक्षण और प्रबंधन पर सरकार गंभीर
मंत्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार जल संकट को दूर करने के लिए समर्पित है। “रामजल सेतु परियोजना, यमुना जल समझौता और देवास परियोजना जल प्रबंधन में हमारे प्रयासों का प्रमाण हैं,” उन्होंने कहा। उन्होंने तृतीय व चतुर्थ चरणों के प्री वर्क्स को शीघ्र पूरा कर निर्माण कार्य आरंभ करने पर जोर दिया। निरीक्षण के दौरान उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, समाजसेवी गजपालसिंह, डीबीएल और मेगा इंजीनियरिंग के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
देवास परियोजना: उदयपुर की जीवनरेखा
देवास परियोजना का उद्देश्य उदयपुर शहर को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना और पिछोला व फतेहसागर झीलों को जल से भरपूर बनाए रखना है। इसका प्रथम चरण 1973-74 में पूरा हुआ, जबकि द्वितीय चरण 2011 में प्रारंभ हुआ, जिसमें आकोदड़ा बांध का निर्माण शामिल था। तृतीय और चतुर्थ चरणों का शिलान्यास 1 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा किया गया था।
1690 करोड़ की लागत से होगा निर्माण
नवीन चरणों में नाथियाथल और अंबावा गांवों में दो नए बांधों और सुरंगों का निर्माण प्रस्तावित है। इनसे अनुमानित रूप से 1000 मिलियन घन फीट पानी उदयपुर की झीलों में लाया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 1690 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आएगी।
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