- SEBI ने जारी की एडवाइजरी, फर्जी एप्स और नोटिस से बचने के लिए दिए महत्वपूर्ण निर्देश
24 News Update जयपुर। आजकल साइबर ठगों द्वारा निवेशकों को निशाना बनाने के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, फर्जी मोबाइल ऐप्स और नकली यूपीआई हैंडल्स का उपयोग करके ये जालसाज सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के नाम पर फर्जी नोटिस और आकर्षक रिटर्न का लालच दे रहे हैं। इसी खतरे को देखते हुए सेबी और राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने मिलकर एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है, जिसमें निवेशकों को साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए कई अहम सुझाव दिए गए हैं।
कैसे पहचानें फर्जीवाड़ा? सेबी ने बताया तरीका
सेबी के अनुसार अगर आपको सेबी से कोई नोटिस या दस्तावेज़ मिलता है, तो उसे सीधे सच न मानें। उसकी प्रामाणिकता की जांच करना बेहद ज़रूरी है। इसके लिए सेबी ने कुछ आसान तरीके बताए हैं:
◆ रिकवरी सर्टिफिकेट की जांच: सेबी द्वारा जारी किए गए हर “रिकवरी सर्टिफिकेट” को आप उनकी वेबसाइट पर “Home > Enforcement > Recovery Proceedings” सेक्शन में जाकर सत्यापित कर सकते हैं।
◆ UDIN नंबर से पुष्टि: सेबी के हर आदेश में एक अद्वितीय दस्तावेज़ पहचान संख्या (UDIN) होती है। इसकी पुष्टि आप सेबी की वेबसाइट पर “Home > Authenticate Document Number Issued by SEBI” में जाकर कर सकते हैं।
◆ अधिकारियों के ईमेल और संपर्क: सेबी के अधिकारियों के आधिकारिक ईमेल पते हमेशा @sebi.gov.in पर समाप्त होते हैं। आप सेबी की वेबसाइट पर “Home > About > SEBI Directory” में जाकर उनके नाम, ईमेल आईडी और फोन नंबर की जांच कर सकते हैं।
साइबर ठगों से बचने के लिए सेबी ने निवेशकों को कुछ और भी जरूरी सलाह दी हैं:
◆ सुरक्षित UPI हैंडल: निवेश के लिए केवल रजिस्टर्ड बैंकों से जुड़े यूपीआई हैंडल, जैसे @valid(bank-name), का ही उपयोग करें।
◆ व्हाइटलिस्टेड ऐप्स: केवल उन्हीं ब्रोकर ऐप्स का उपयोग करें जो सेबी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर प्रकाशित “Whitelisted Broker Apps” की सूची में शामिल हैं।
◆ सोशल मीडिया पर सावधानी: सेबी केवल अपने रजिस्टर्ड “X” हैंडल पर ही आधिकारिक जानकारी और सलाह देता है। अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संदिग्ध विज्ञापनों से दूर रहें।
अगर आप किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं। नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर पुलिस स्टेशन में भी रिपोर्ट की जा सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी सतर्कता से अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखें।
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