24 News Update उदयपुर, 15 जुलाई। स्व. उस्ताद कर्ण सिंह पहलवान भीम राष्ट्रीय व्यायामशाला, चांदपोल में मंगलवार को उदयपुर के कुश्ती जगत ने स्व. दलपत सुराणा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर नगर के उस्तादों और पहलवानों ने सुराणा के कुश्ती खेल में अमूल्य योगदान को याद किया। डॉ. दिलीप सिंह चौहान ने बताया कि स्व. सुराणा ने उदयपुर कुश्ती को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी स्मृति कुश्ती प्रेमियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगी। इस अवसर पर पूर्व अंतरराष्ट्रीय कुश्ती कोच व रेफरी कैलाश पालीवाल ने युवा पहलवानों को बताया कि स्व. सुराणा भारतीय कुश्ती संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहे। वर्ष 1996 में उदयपुर के गांधी ग्राउंड में पहली बार राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता का भव्य आयोजन उनकी अगुवाई में हुआ। उस प्रतियोगिता में उदयपुर के पहलवान राकेश अठवाल ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। कुश्ती प्रेमी जलामचंद जैन ने जानकारी दी कि स्व. सुराणा राजस्थान कुश्ती संघ के संरक्षक भी रहे और कई अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में तकनीकी अधिकारी और टीम मैनेजर के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, हंगरी, ईरान, मिश्र, ताशकंद और अमेरिका जैसे देशों में भारतीय कुश्ती दल का नेतृत्व किया। उदयपुर जिला कुश्ती संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शर्मा ने श्रद्धांजलि सभा में कहा कि स्व. सुराणा हमेशा उदयपुर की कुश्ती के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। इस अवसर पर श्री चतुर्भुज हनुमान राष्ट्रीय व्यायामशाला, हरिदास जी की मगरी के संचालक कृष सेन, कुश्ती कोच हेमंत अठवाल, कोच केशु लाल भील, श्री राम व्यायामशाला के उस्ताद नितिन वसीटा, जाजि मेघवाल, किशन सोनी, चंद्र प्रकाश खत्री, हितेश सोलंकी, कैलाश कुमावत, प्रशांत सिंह चौहान, जयदीप अजमेरा, लखन द्विवेदी, अभिराज, फैजान अगवानी, आरव सुखवाल, दिव्यांश, युवी सोनी, सुरेश अजमेरा, मोहित भट्ट, मितांशु सेन, अनीश, मनीष, अंश, सुरेंद्र, विशाल सोलंकी, पलक सोनी, माही ओड, नंदिनी जोशी सहित बड़ी संख्या में पहलवान और खेल प्रेमी उपस्थित रहे। श्रद्धांजलि सभा में सभी ने स्व. सुराणा को कुश्ती जगत की धरोहर बताते हुए उनके योगदान को स्मरण किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
उदयपुर कुश्ती जगत ने स्व. दलपत सुराणा को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

Advertisements
