24 News Update चित्तौड़गढ़। जिले में बालश्रम, बंधुआ मजदूरी एवं मानव दुर्व्यापार की रोकथाम के लिए पुलिस अधीक्षक चित्तौड़गढ़ के निर्देशन में चल रहे “उमंग-5” विशेष अभियान के तहत शुक्रवार को एक अहम कार्रवाई की गई। चन्देरिया थाना पुलिस, बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) और जनसाहस संस्थान की संयुक्त टीम ने थाना चन्देरिया क्षेत्र के पुरोहितों का सांवता स्थित शिव भोजनालय में दबिश देकर दो बालश्रमिकों को रेस्क्यू किया और बालश्रम से मुक्त करवाया।
13-14 घंटे कराए जा रहे थे बच्चों से काम
चाइल्ड हेल्पलाइन के जिला समन्वयक नवीन काकड़दा ने बताया कि रेस्क्यू के बाद बच्चों की काउंसलिंग की गई। इसमें बच्चों ने बताया कि होटल मालिक उनसे दोपहर 12:00 बजे से रात 2:00 बजे तक लगभग 13-14 घंटे तक काम करवाता था। यह किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
होटल मालिक पर दर्ज हुई एफआईआर
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए चन्देरिया थाना पुलिस ने होटल मालिक के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत एफआईआर दर्ज की है। बचाए गए दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति, चित्तौड़गढ़ के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से राजकीय किशोर गृह, चित्तौड़गढ़ में सुरक्षित आश्रय प्रदान किया गया।
इस संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन में चन्देरिया थाना से एएसआई मुकेश कुमार, कॉन्स्टेबल किशनलाल चाइल्ड हेल्पलाइन से काउंसलर करण जीनवाल, सुपरवाइजर नानूराम जाट, केस वर्कर इरफान तथा जनसाहस संस्थान से संदीप कुमार ने अहम भूमिका निभाई।
उमंग-5 अभियान में दो बालश्रमिकों को रेस्क्यू कर दिलाया गया सुरक्षित आश्रय

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