24 News Udpate जयपुर। निदेशक कृषि विपणन विभाग श्री राजेश कुमार चौहान ने बताया कि अधिसूचित कृषि जिन्सों के थोक व्यापार के क्रय-विक्रय को नियमित किये जाने की दृष्टि से राज्य में 337 कृषि उपज मण्डी समितियां संचालित है। इन मण्डी प्रांगणों में अधिसूचित कृषि जिन्सों का व्यापार किया जा रहा है। प्रदेश के कई मण्डी प्रांगणों जैसे जयपुर, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर, जोधपुर इत्यादि में अधिसूचित कृषि जिन्सों के साथ-साथ गैर अधिसूचित कृषि जिन्सों/खाद्य पदार्थो जिनका आम उपभोक्ताओं द्वारा दैनिक रूप से उपभोग किया जाता है, का भी व्यापार आरम्भ हो गया था। इस तरह के गैर अधिसूचित कृषि जिन्सों/खाद्य पदार्थो का व्यवसाय मण्डी प्रांगण में अनुमत नहीं होने के कारण इन पर मण्डी समितियों द्वारा किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा था।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा राजस्थान कृषि उपज मण्डी अधिनियम, 1961 की धारा 17-ख में संशोधन कर इन गैर अधिसूचित कृषि जिन्सों/खाद्य पदार्थो के व्यापार को भी अनुमत कर इस तरह के व्यापारियों को राहत प्रदान की गई है चूकिं इस प्रकार के व्यवसाय पर अब तक किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं था। अब मण्डी प्रांगण के रखरखाव एवं विकास कार्यो इत्यादि की दृष्टि से इनके व्यापार पर मात्र 0.50 प्रतिशत दर से उपयोक्ता प्रभार (यूजर चार्ज) लगाकर इस तरह के व्यापारियों को मण्डी प्रांगणों में व्यापार किये जाने हेतु अनुमत कर दिया गया है। उपयोक्ता प्रभार (उसी चार्ज) लगाये जाने पर एक तरफ इस तरह के व्यापारियों को मण्डी प्रांगणों में दुकानों एवं गोदामों का आवंटन किया जा सकेगा दूसरी तरफ मण्डी समितियों को राजस्व की प्राप्ति भी होगी।
राज्य सरकार के इस जनकल्याणकारी निर्णय का विभिन्न व्यापार संघो यथा श्रीगंगानगर, उदयपुर, डीग, बहरोड, ब्यावर, जयपुर, प्रतापगढ़, निम्बाहेडा, कुम्हेर, भरतपुर, तिजारा, धौलपुर, डेगाना, मेडतासिटी, खेडली तथा लक्ष्मणगढ़ द्वारा स्वागत किया गया है।
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