24 News Update कोटा। औद्योगिक विकास की लापरवाही शनिवार को कोटा में तीन मासूम बच्चों की जान पर भारी पड़ते-पड़ते रह गई। रामगंजमंडी क्षेत्र के अमरपुरा स्थित औद्योगिक इलाके में कोटा स्टोन फैक्ट्रियों से निकलने वाली स्लरी से बने दलदल में तीन बच्चे खेलते-खेलते फंस गए। करीब एक घंटे तक बच्चे जान बचाने के लिए चीखते रहे, लेकिन आसपास चल रही फैक्ट्रियों की तेज आवाजों में उनकी चीखें दबती रहीं।
घटना शनिवार दोपहर करीब एक बजे की है। कुम्भकोट और अमरपुरा के बीच स्थित औद्योगिक क्षेत्र में निजी जमीन पर खुले तौर पर स्लरी डंप की जा रही है। यहीं मजदूर कैलाश के दो बच्चे और एक अन्य बच्चा खेल रहे थे। खेलते-खेलते तीनों बच्चे स्लरी के दलदल में उतर गए। दलदल की गहराई करीब 3 से 4 फीट थी। दो बच्चे कमर तक धंस गए, जबकि सबसे छोटा बच्चा गले तक दलदल में फंस गया। धीरे-धीरे दलदल में धंसते बच्चों की हालत बिगड़ने लगी और वे मदद के लिए चीखते रहे।
काफी देर बाद जब फैक्ट्रियों की मशीनें बंद हुईं तो बच्चों की आवाज लोगों तक पहुंची। आसपास के ग्रामीण और मजदूर दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे। हालात की गंभीरता को देखते हुए तत्काल आसपास पड़े पत्थरों को दलदल में डालकर अस्थायी रास्ता बनाया गया, ताकि बच्चों तक पहुंचा जा सके। शुरुआती प्रयासों में बच्चे बाहर नहीं निकल सके, जिसके बाद साड़ी और रस्सियों का सहारा लिया गया। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद तीनों बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिला। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अमरपुरा की 11 नंबर गली में स्थित यह स्लरी का दलदल एक निजी भूमि पर बना हुआ है, जहां न तो बाउंड्री वॉल है और न ही कोई चेतावनी या सुरक्षा व्यवस्था। लंबे समय से यहां कोटा स्टोन फैक्ट्रियों की स्लरी डाली जा रही है। इससे पहले भी इस स्थान पर हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन और जिम्मेदार विभागों ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि खुले पड़े स्लरी के इन जानलेवा दलदलों को तत्काल बंद कराया जाए और लापरवाही बरतने वाले फैक्ट्री संचालकों व जमीन मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में यह लापरवाही किसी मासूम की जान भी ले सकती है।

