24 News Update नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों के साथ संवाद करते हुए पहलगाम आतंकी हमले पर गहरी पीड़ा और आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को हुए इस कायरतापूर्ण हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। देश के हर नागरिक के मन में पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है, भले ही वह किसी भी राज्य, किसी भी भाषा या क्षेत्र से जुड़ा हो। प्रधानमंत्री ने कहा, “हर भारतीय का खून, आतंकवादी हमले की तस्वीरों को देखकर खौल रहा है। यह हमला उन आतंक के सरपरस्तों की हताशा का प्रतीक है, जिन्हें कश्मीर में लौटती शांति, बढ़ती विकास गति और लोकतंत्र की मजबूती रास नहीं आ रही थी।” उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास की रफ्तार, युवाओं के लिए खुलते अवसर और पर्यटकों की रिकॉर्ड बढ़ोतरी से बौखलाए दुश्मनों ने यह घिनौनी साजिश रची।
प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प के स्वर में कहा, “आतंकवाद के खिलाफ हमारी सबसे बड़ी ताकत है 140 करोड़ भारतीयों की एकजुटता। हमें इस चुनौती का सामना करते हुए अपनी राष्ट्रीय एकता और संकल्प को और मजबूत करना है। पूरा देश आज एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ बोल रहा है और दुनिया भी भारत के इस संकल्प के साथ खड़ी है।”
उन्होंने बताया कि इस आतंकी हमले के बाद उन्हें कई वैश्विक नेताओं से फोन, पत्र और संदेश प्राप्त हुए हैं, जिनमें इस जघन्य हमले की कठोर निंदा की गई है और भारत के प्रति समर्थन व्यक्त किया गया है। प्रधानमंत्री ने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया कि दोषियों को न्याय के कठोरतम रूप से दंडित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश के महान वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके नेतृत्व में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने वैश्विक पहचान बनाई। उन्होंने कहा कि भारत की विज्ञान यात्रा, आर्यभट्ट सैटेलाइट लॉन्च के 50 वर्ष पूरे होने से लेकर आज एक वैश्विक स्पेस पावर बनने तक, एक प्रेरणादायक कहानी है, जिसमें साधनों की कमी के बावजूद राष्ट्रसेवा की भावना सर्वोपरि रही।
प्रधानमंत्री ने म्यांमार में हाल ही में आए भूकंप के दौरान भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ की भी चर्चा की, जिसमें भारतीय टीम ने साहस, मानवता और सेवा का अद्भुत परिचय दिया। इसी क्रम में उन्होंने भारत द्वारा अफगानिस्तान और नेपाल को भेजी गई जीवनरक्षक दवाओं और टीकों का भी उल्लेख किया।
‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को रेखांकित करते हुए कहा, “मानवता की सेवा में भारत हमेशा सबसे आगे रहा है और रहेगा। संकट की घड़ी में भारत न सिर्फ अपने देशवासियों का बल्कि दुनिया के हर जरूरतमंद का साथी है।”
प्रधानमंत्री ने युवाओं में बढ़ते विज्ञान और नवाचार के प्रति आकर्षण, पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान और देश की सामूहिक शक्ति पर भी बल दिया। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे जागरूक रहें, ‘सचेत’ ऐप का उपयोग करें और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित, सुरक्षित भारत का निर्माण करें। प्रधानमंत्री के संदेश ने एक ओर जहाँ आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्र के दृढ़ संकल्प को उजागर किया, वहीं दूसरी ओर भारत की सेवा, नवाचार और विश्व बंधुत्व की भावना को भी सशक्त रूप में प्रस्तुत किया।
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