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ट्रेन में BJP नेता की मां का अस्थि कलश ले भागा चोर, आगरा में रंगे हाथों पकड़ा गया

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24 News Update आगरा. इंदौर के भाजपा नेता देवेंद्र ईनाणी के साथ एक विचलित कर देने वाली घटना तब घटी, जब वे अपनी दिवंगत मां की अस्थियों का विसर्जन करने परिवार सहित हरिद्वार जा रहे थे। रास्ते में आगरा के पास एक चोर ने उनके पास रखा अस्थि कलश चुराने की कोशिश की, लेकिन देवेंद्र की सतर्कता और यात्रियों की मदद से चोर को पकड़ लिया गया। भाजपा के विधानसभा क्षेत्र-1 के मीडिया प्रभारी देवेंद्र ईनाणी 20 जुलाई को इंदौर के लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन से ऋषिकेश एक्सप्रेस की S-2 बोगी में सवार हुए थे। उनके साथ 8 पारिवारिक सदस्य भी यात्रा में थे।
21 जुलाई की तड़के मुरैना से आगरा कैंट के बीच जब वे सो रहे थे, एक चोर बोगी में घुसा और उनके पास रखे झोले से अस्थि कलश चुरा लिया। तभी अचानक देवेंद्र की नींद खुल गई। उन्होंने देखा कि एक अजनबी के हाथ में उनकी मां की अस्थियों का कलश है। उन्होंने तत्काल चोर को पकड़ लिया और जोर-जोर से शोर मचाया। कुछ ही क्षणों में अन्य यात्रियों की भी आंख खुल गई और बोगी में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने चोर को पकड़कर जमकर धुनाई की और जब ट्रेन आगरा कैंट पहुंची, तो GRP (रेलवे पुलिस) को सौंप दिया गया।

चोरी की थी अन्य यात्रियों की चीजें भी
पूछताछ में सामने आया कि चोर S-4 बोगी से ट्रेन में घुसा था और वहां से लेकर S-1 तक के डिब्बों में कई लोगों के सामान की चोरी कर चुका था। कुछ पर्स वॉशरूम में फेंक दिए गए थे और एक यात्री का मोबाइल फोन ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया। बाद में यात्रियों ने अपना सामान चेक किया, तो चोरी की पुष्टि हुई।

“मां को क्या जवाब देता?” — देवेंद्र ईनाणी
घटना को लेकर भावुक हुए देवेंद्र ईनाणी ने कहा, “अगर चोर अस्थियों का कलश लेकर भाग जाता, तो मैं मां को क्या जवाब देता? मेरे पास सिर्फ मां की ही नहीं, परिवार के तीन और दिवंगत सदस्यों की अस्थियां भी थीं।” देवेंद्र की माता रामकन्या ईनाणी का 8 अप्रैल 2025 को 85 वर्ष की उम्र में निधन हुआ था। कुछ अस्थियां नर्मदा में विसर्जित की जा चुकी थीं, और बाकी हरिद्वार ले जाई जा रही थीं। एक पारिवारिक शोक के कारण यात्रा टल गई थी, और तब से अस्थियां पंचकुईया मुक्तिधाम के लॉकर में सुरक्षित रखी थीं। आगरा में चोर को पुलिस के हवाले करने के बाद परिवार ने यात्रा जारी रखी और सोमवार को हरिद्वार पहुंचे। मंगलवार को विधिपूर्वक गंगा में अस्थियों का विसर्जन किया गया।

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