24 News Update जयपुर। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हाल ही में हुई वर्षाजनित घटनाओं और भवन दुर्घटनाओं के बाद सरकार एक्शन मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य के सभी विभाग क्षतिग्रस्त एवं जीर्ण-शीर्ण भवनों की तत्काल मरम्मत कराएं और जिलेवार रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यदि किसी भवन दुर्घटना में जनहानि होती है तो संबंधित अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गत 6 वर्षों में निर्मित सभी सरकारी भवनों, विद्यालयों व आंगनवाड़ियों की गुणवत्ता की जांच के लिए एक विशेष राज्य स्तरीय समिति गठित की जाएगी।
आपदा प्रबंधन मद से होगा मरम्मत कार्य
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि भवनों की मरम्मत कार्य के लिए आपदा प्रबंधन कोष से वित्तीय स्वीकृति प्राप्त की जाए और समयबद्ध रूप से मरम्मत कार्य प्रारंभ किया जाए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बने भवनों की नियमित निरीक्षण और रखरखाव पर विशेष जोर दिया।
आंगनवाड़ी केन्द्रों को किया गया स्थानांतरित
बैठक में अधिकारियों ने अवगत कराया कि प्रदेश में जर्जर आंगनवाड़ी केन्द्रों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। श्री शर्मा ने निर्देश दिए कि वर्ष 2025-26 के बजट में प्रस्तावित ₹50 करोड़ की राशि से 5 हजार आंगनवाड़ी केन्द्रों की मरम्मत कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाए। उन्होंने कहा कि इन केन्द्रों का नियमित निरीक्षण अनिवार्य है। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, पंचायतीराज, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित सभी संबद्ध विभागों को निर्देशित किया कि वे अपने अधीनस्थ भवनों की पूरी जानकारी संकलित कर दर्ज रिपोर्ट बनाएं और मरम्मत कार्य सुनिश्चित करें। बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी विभागों ने अपने-अपने क्षेत्र की जर्जर व क्षतिग्रस्त इमारतों की स्थिति एवं प्रस्तावित मरम्मत कार्यों से जुड़ी रिपोर्ट प्रस्तुत की।

