24 न्यूज अपडेट, जयपुर। हाल ही में जिस खांसी की सिरप को लेकर विवाद खड़ा हुआ था, वह सरकारी जांच में सुरक्षित पाई गई है। बीते दिनों इस सिरप के सेवन से कई बच्चों के बीमार होने और कथित तौर पर मौत के मामले सामने आए थे।
इस घटना के बाद सरकार ने दवा की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए। सीकर, झुंझुनूं, भरतपुर सहित विभिन्न जिलों से लिए गए छह अलग-अलग बैचों के सैंपल ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट की लैब में भेजे गए थे। शुक्रवार को आई रिपोर्ट में इन सभी सैंपलों को मानक के अनुरूप और सुरक्षित पाया गया।
गौरतलब है कि सीकर और भरतपुर में डेक्सट्रोमेथारपन हाइड्रोब्रोमाइड आईपी सिरप पीने से चार से अधिक बच्चों के बीमार होने की शिकायतें आई थीं। वहीं दोनों जिलों में एक-एक बच्चे की मौत का दावा भी सामने आया था। इस पर सरकार ने तत्काल कंपनी की जांच शुरू कर सिरप के वितरण पर रोक लगा दी थी।
सीकर सीएमएचओ का बयान
सीकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जिस सिरप के सेवन से बच्चे की मौत का आरोप लगाया गया, उस बैच की सप्लाई झुंझुनूं जिले में हुई ही नहीं थी। उनका कहना है कि सीकर में बच्चे की मौत सिरप से नहीं हुई। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने भी विभाग और कंपनी का बचाव करते हुए कहा कि दवाइयों की सरकारी स्तर पर जांच करवा ली गई है और उनमें किसी प्रकार की खराबी नहीं पाई गई।
जिस खांसी की दवा पर मचा बवाल, सरकारी जांच रिपोर्ट में सभी सैंपल सही व सुरक्षित पाए गए

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