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मुनीम निकला लूट का मास्टरमाइंड, CCTV ने खोला राज; पहलवान और बहनोई की भी साजिश में बड़ी भूमिका

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24 News Update भरतपुर. भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में हाल ही में हुई 4 लाख की लूट की वारदात ने एक नया मोड़ ले लिया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि जिस मुनीम पर व्यापारी ने भरोसा कर रकम मंगवाई, वही पूरी साजिश का मास्टरमाइंड निकला। इस गिरोह में गांव का पहलवान, उसका बहनोई और ड्राइवर तक शामिल था। फिलहाल पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीन अभी भी फरार हैं।

CCTV फुटेज ने खोली साजिश की परतें
19 मई को हुई लूट की यह घटना पहले तो एक आम झपटमारी जैसी लगी, लेकिन जब पुलिस ने घटनास्थल के CCTV फुटेज खंगाले तो मामला संदिग्ध लगने लगा। वीडियो में मुनीम हेमेंद्र न तो लुटेरे के पीछे भागता दिखा और न ही घबराया, बल्कि वह आराम से पत्थर उठाने का दिखावा करता रहा और लुटेरा फरार हो गया। इस अभिनय ने पुलिस को संदेह की ओर धकेला।

व्यवस्थित योजना: पहलवान, बहनोई और ड्राइवर की मिलीभगत
जांच में पता चला कि व्यापारी भगवानदास के ड्राइवर विष्णु और मुनीम हेमेंद्र को पैसों की आवाजाही की पूरी जानकारी थी। इस जानकारी का फायदा उठाते हुए उन्होंने गांव के एक पहलवान राकेश, उसके बहनोई रवि गुर्जर और कोल्ड ड्रिंक कारोबारी देवी सिंह को साथ मिलाया। मूल योजना भगवानदास को लूटने की थी, लेकिन जब उसने खुद न जाकर हेमेंद्र को पैसे लाने भेजा, तो साजिश बदल दी गई और नकली लूट की पटकथा रच दी गई।

लूट की पूरी स्क्रिप्ट – जैसे किसी फिल्म की कहानी
घटना के दिन जैसे ही हेमेंद्र गोपालगढ़ से कैश लेकर लौटा, लुटेरे पहले से तय स्थान पर बाइक से तैयार खड़े थे। गेट पर पहुंचते ही एक नकाबपोश युवक उसके हाथ से थैला छीनकर भाग गया। कैमरे में साफ दिखा कि हेमेंद्र केवल दिखावे के लिए पत्थर फेंकता रहा और असली प्रयास नहीं किया।

दो गिरफ्तार, मुख्य साजिशकर्ता अब भी फरार
पुलिस ने इस मामले में पहलवान राकेश और देवी सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को रविवार को घटनास्थल पर लाकर मौका मुआयना भी करवाया गया। वहीं मुनीम हेमेंद्र, ड्राइवर विष्णु और रवि गुर्जर अभी भी फरार हैं। SHO योगेन्द्र सिंह के अनुसार तीनों की तलाश में टीमें दबिश दे रही हैं और जल्द गिरफ्तारी की संभावना है।

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