24 News update उदयपुर। राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने प्रदेश के शिक्षकों से जुड़ी समस्याओं के समाधान हेतु मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को ग्यारह सूत्रीय मांग पत्र भेजा है। ज्ञापन में वर्षों से लंबित डीपीसी, तबादलों पर रोक, नवक्रमोन्नत विद्यालयों में प्राध्यापक पदों की स्वीकृति और छाया पद सृजन जैसी समस्याओं का तत्काल समाधान करने की मांग की गई है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान और प्रदेश महामंत्री गोपाल मीणा ने बताया कि विगत पाँच शैक्षणिक सत्रों से तृतीय श्रेणी शिक्षकों की डीपीसी नहीं की गई है, जिससे विभागीय पदोन्नति की प्रक्रिया बाधित हो गई है। वहीं सात वर्षों से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण भी रुके हुए हैं, जिससे शिक्षकों और उनके परिवारों में गहरा असंतोष व्याप्त है।
शैक्षणिक ढांचे पर गिर रही गाज
शेर सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि विभागीय नीतियों की खामियों के चलते प्रदेश का शैक्षणिक ढांचा जर्जर हो गया है। विद्यालयों में हजारों पद रिक्त पड़े हैं और नवक्रमोन्नत विद्यालयों में अभी तक प्राध्यापकों के पद स्वीकृत नहीं किए गए हैं। इसके अलावा, शिक्षकों से बीएलओ जैसे गैर-शैक्षणिक कार्य भी करवाए जा रहे हैं, जिससे स्कूलों में पढ़ाई बाधित हो रही है।
महात्मा गांधी स्कूलों के शिक्षक पदस्थापन की राह देख रहे
ज्ञापन में बताया गया कि महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों के लिए चयनित शिक्षक दस माह से पदस्थापन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके चलते न केवल शिक्षकों की ऊर्जा व्यर्थ जा रही है, बल्कि स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।
1280 नवनियुक्त शिक्षकों को नौकरी जाने का डर
प्रदेश महामंत्री गोपाल मीणा ने कहा कि तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल-2 भर्ती 2022 के बाद संशोधित परिणाम जारी होने से 1280 नवनियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति पर संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इन शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए 1280 छाया पद (शैडो पोस्ट) शीघ्र सृजित किए जाएं।
संघ देगा आंदोलन को रूप
संघ पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के कई विद्यालयों की इमारतें जर्जर हैं, जिनकी मरम्मत हेतु बजट शीघ्र जारी किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन मांगों पर समय रहते सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो संगठन आगामी 12 जून को जयपुर में होने वाली प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में आंदोलन की रणनीति बनाकर सड़कों पर उतरने को विवश होगा।

