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शिक्षक भर्ती-2022: 1260 छाया पद सृजित करने की मांग, मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा

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24 न्यूज अपडेट उदयपुर। राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने तृतीय श्रेणी (लेवल-2) शिक्षक भर्ती-2022 में चयनित 1260 शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए छाया पद (Shadow Posts) सृजित करने की मांग की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान और प्रांतीय महामंत्री गोपाल मीणा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक ज्ञापन भेजा है।

संशोधित परिणाम से संकट में 1260 शिक्षक
प्रांतीय महामंत्री गोपाल मीणा ने बताया कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा भर्ती-2022 के परिणाम को एक वर्ष बाद संशोधित किया गया। इसके चलते लगभग 1260 ऐसे शिक्षक, जो पिछले दो वर्षों से शिक्षा विभाग में सेवा दे रहे हैं, अब राजकीय सेवा से बाहर किए जाने के खतरे का सामना कर रहे हैं। गोपाल मीणा ने बताया कि बोर्ड की गलतियों के कारण इन शिक्षकों को नौकरी गंवाने की आशंका है, जिससे सैकड़ों परिवारों पर आर्थिक, मानसिक और सामाजिक संकट मंडरा रहा है।

पूर्व में भी हो चुका है छाया पद सृजन
संघ ने अपने ज्ञापन में पूर्व की उदाहरणों का हवाला देते हुए बताया कि: शिक्षक भर्ती 2012 में राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने संदीप कुमार बिश्नोई बनाम राजस्थान राज्य (690/2017) में 6000 छाया पदों का सृजन कर प्रभावित शिक्षकों को नियमित किया था। फर्स्ट ग्रेड भर्ती 2015 में रिशाल बनाम RPSC प्रकरण में भी नियुक्तियां यथावत रखी गई थीं। द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 में भी राजस्थान सरकार बनाम फरसाराम कालीराणा (347/2022) मामले में नियुक्त शिक्षकों को सेवा से बाहर नहीं किया गया। शिक्षक भर्ती 2022 से जुड़े स्वाति भट्ट बनाम निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग (SAW-612/2024) मामले में अक्टूबर 2024 में उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश में कहा गया है कि नियुक्ति हो चुके शिक्षकों पर संशोधित परिणाम का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

सामाजिक समस्याओं का भी खतरा
संघ पदाधिकारियों ने बताया कि नियुक्ति पर संकट के चलते कई नव-नियुक्त शिक्षकों के विवाह संबंध टूटने की कगार पर हैं, जिससे नई सामाजिक चुनौतियाँ खड़ी हो रही हैं। प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि दो वर्षों से सेवाएं दे रहे 1260 शिक्षकों को सेवा से पृथक न कर, उनके लिए छाया पद सृजित किए जाएं, जिससे वे आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक अस्थिरता से बच सकें।

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