24 News Update बड़ोंदिया। वागड़ अंचल के जैन समाज के लिए 9 जुलाई 2025 का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब जैन धर्म के परम पूज्य मुनिश्री सुधा सागर महाराज ने पहली बार सिंध नदी को नाव के माध्यम से पार किया। यह दूसरी बार है जब किसी बड़े जैन संत ने जलपथ से यात्रा की है। इससे पहले वर्ष 2018 में आचार्यश्री विद्या सागर महाराज ने अपने 40 संतों के साथ बेतवा नदी नाव द्वारा पार की थी। बड़ोंदिया जैन समाज के श्रद्धालुओं द्वारा आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव के तहत संतश्री से सान्निध्य प्राप्त करने का निवेदन किया गया था। सिंध नदी पार कर बड़ोंदिया पहुंचे गुरुदेव का भव्य स्वागत किया गया। इस अनूठे क्षण के साक्षी बनने वागड़ सहित देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु पहुंचे और गुरुदेव से निवेदन किया कि वीरोदय तीर्थ सहित आसपास के क्षेत्रों में होने वाले आयोजनों में उनका शुभागमन हो। इस अवसर पर मुनिश्री सुधा सागर महाराज ने कहा, “चतुर्थ काल में अथवा पचास-सौ वर्ष पहले तक नदी पर पुल नहीं होते थे। जो निमित्त बनता है, उसी अनुसार शास्त्रों में नौका यान का भी उल्लेख किया गया है।”गुरुदेव की इस यात्रा ने न केवल जैन समाज के लिए एक नई प्रेरणा प्रस्तुत की है, बल्कि यह श्रद्धा और परंपरा के साथ नवाचार का भी अद्भुत संगम बन गई है।
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