24 न्यूज अपडेट, जयपुर। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि आगामी पटवारी भर्ती परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों को हाथों पर मेहंदी लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे बायोमैट्रिक अटेंडेंस लेने में परेशानी हो सकती है। यदि कोई उम्मीदवार मेहंदी लगाकर परीक्षा केंद्र पहुंचेगा तो उसे केंद्र में प्रवेश से पहले शपथपत्र (एफिडेविट) देना होगा।
प्रदेश में 3705 पदों के लिए पटवारी भर्ती परीक्षा 17 अगस्त (रविवार) को दो पारियों में आयोजित की जाएगी। सोशल मीडिया के माध्यम से एक छात्र ने बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज से यह सवाल किया था कि जन्माष्टमी होने के कारण क्या मेहंदी लगाकर परीक्षा में शामिल होना संभव होगा?
इस पर बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि बायोमैट्रिक प्रक्रिया को देखते हुए मेहंदी लगाने से परहेज करना ही उचित होगा। उन्होंने कहा दृ
“परीक्षा भी एक प्रकार का व्रत है, इसमें संयम जरूरी है। मेहनत की मेहंदी जीवनभर रची रहेगी।” उन्होंने बताया कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस परीक्षा की सुरक्षा व्यवस्था का अहम हिस्सा है। अगर बहुत आवश्यक हो तो अभ्यर्थी उस अंगुली अथवा भाग पर मेहंदी बिल्कुल न लगाएं जहां से फिंगरप्रिंट लिया जाता है। परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों की फेस स्कैनिंग, बायोमैट्रिक अटेंडेंस और हैंडराइटिंग सैंपल लिए जाएंगे। परीक्षा के दौरान सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से हर अभ्यर्थी की सतत निगरानी की जाएगी ताकि नकल या फर्जी अभ्यर्थी प्रवेश न कर सके।
उन्होंने कहा कि सख्त निगरानी व्यवस्था के कारण अब फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा देने की हिम्मत भी नहीं करते। पिछले डेढ़ वर्ष में एक भी डमी कैंडिडेट पकड़ा नहीं गया है, क्योंकि परीक्षा में पांच स्तर पर जांच की जा रही है।
प्रदेश के 38 जिलों में कुल 1030 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जयपुर में सर्वाधिक 176 केंद्र बनाए गए हैं, जहां 1 लाख 34 हजार अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। करौली और राजसमंद जिलों में पाँचदृपाँच केंद्र निर्धारित किए गए हैं। इन जिलों के प्रत्येक केंद्र पर करीब 5000 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है।
पटवारी भर्ती परीक्षा में मेहंदी लगाने पर सख्ती, एफिडेविट के बाद ही एंट्री

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